Thursday, 17 December 2015

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     1⃣5⃣*1⃣2⃣*1⃣5⃣
   
           मंगलवार  मार्गशीर्ष
            शुक्लपक्ष चतुर्थी

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       ◆!🌿जयनिताई🌿!◆  
     •🌹 गौरांग महाप्रभु 🌹•
       ◆!🌿 श्री चैतन्य 🌿!◆
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  ❗तैर्थिक विप्र को दर्शन❗

🌿    एक दिन एक ब्राह्मण तीर्थ भ्रमण करता हुआ श्री पुरंदर मिश्र के घर आया l पंडित जी ने उसको सीदा सामान दिया ब्राह्मण ने रसोई तैयार की और गोपाल जी को भोग रख दिया और गोपाल मन्त्र का जाप करने लगे देखा तो बाल निमाई आनंद से रसोई पा रहे है l बड़े दुःखी हुए कि बालक ने भोग बिगाड़ दिया lमिश्र पुरंदर ने क्षमा याचना की और दुबारा सीदा सामान दिया lदूसरी बार भी वैसा ही हुआ l

🌿    तीसरी बार पुनः मिश्र जी ने निमाई को कमरे में बन्द कर दिया ब्राह्मण ने जब मंत्र का उच्चारण किया तो साक्षात् गोपाल को अपने सामने देखा l ब्राह्मण को ज्ञान हुआ कि मेरे गोपाल ही श्री निमाई रूप में प्रकटित हुए हैं l प्रसाद लेकर अपने को धन्य मानकर प्रभु के चरणों में प्रणाम कर तीर्थ यात्रा को चला गया l श्री निमाई ने ऐसे अनेक चरित्रों द्वारा अपने श्री कृष्ण स्वरुप का परिचय दिया l

🌿   उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदासजी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
          क्रमशः........
                      ✏ मालिनी
 
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         •🌹सुप्रभात🌹•
 •|🌿श्रीकृष्णायसमर्पणं🌿|•
     •🌹जैश्रीराधेश्याम🌹•
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