Thursday, 24 December 2015

[12:59, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


मैंने पूछ
लिया-
क्यों
इतना दर्द
दिया
मोहन
तुमने

वो हँसे
और बोले-

मेरी
याद
बनी
रही न

🐎
[13:01, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


 उन दिनों
हम
अमीर थे

मोहन

जब
तुम्हारे
करीब थे

👜💼
[13:02, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia: इ[12:59, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


मैंने पूछ
लिया-
क्यों
इतना दर्द
दिया
मोहन
तुमने

वो हँसे
और बोले-

मेरी
याद
बनी
रही न

🐎
[13:01, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


उन दिनों
हम
अमीर थे

मोहन

जब
तुम्हारे
करीब थे

👜💼
[13:02, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


 इस
ज़ुबां से
न कर सके
कभी

अपना
हाले दिल
बया

सुनो

आप ही
कह देना
उनसे
कि वो
मज़े में है

🐎🐎🐎
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


आज धुंध बहुत है


काश
किसी गली
मैं टकरा
जाऊँ आज
नटखट
श्याम सलोने
से 🌹
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


लफ्ज़
जब बरसते हैं
बन कर बूँदें

मौसम
कोई भी हो
सब
भीग ही
जाते है.






देखो ना !
खोये
हम खुद रहते हैं,

और ढूढते
श्याम सुन्दर
को हैं ....

😳😳
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


 ख़्वाब
ही ख़्वाब
कब तलक
देखूँ

मोहन

अब
दिल चाहता
है
तुझको भी
इक
झलक
देखू

💃🏻💃🏻💃🏻💃🏻
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


नींद में भी
गिरते हैं
मेरी
आँख से आंसू

जब भी
तुम
मेरे हाथ से

चरणों को
छुड़ा
लेते हो
मेरे नाथ ।

💧💧💧💧💧
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


यूँ
अकेला
छोड़ कर
मत
जाया करो
हमे...

मोहन


सब कुछ
जाना
मंजूर है
आपका
नही...

🙏🏻🙏🏻🙏🏻
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


तासीर
इतनी ही
काफी है

कि
तू मेरा

ठाकुर है..


क्या
ख़ास है
तुझमे,
ऐसा
मैंने
कभी
सोचा ही नही

🍁🎈🍁🎈
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


ज़िन्दगी में
एक तुम
ही ऐसे
मिले

जिसे हम
पा नहीं
सकते

सिर्फ
चाह सकते हैं.

💼👜🚗

बैग खाली
शुभ रात्रि
[13:06, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


ना जाने
कौनसी
दौलत हैं..!
आपकी
नज़रों में

मोहन

देखते हो
तो.!
हमे
खरीद
लेते हो

💃🏻💃🏻स
ज़ुबां से
न कर सके
कभी

अपना
हाले दिल
बया

सुनो

आप ही
कह देना
उनसे
कि वो
मज़े में है

🐎🐎🐎
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


आज धुंध बहुत है


काश
किसी गली
मैं टकरा
जाऊँ आज
नटखट
श्याम सलोने
से 🌹
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


लफ्ज़
जब बरसते हैं
बन कर बूँदें

मौसम
कोई भी हो
सब
भीग ही
जाते है.






देखो ना !
खोये
हम खुद रहते हैं,

और ढूढते
श्याम सुन्दर
को हैं ....

😳😳
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


ख़्वाब
ही ख़्वाब
कब तलक
देखूँ

मोहन

अब
दिल चाहता
है
तुझको भी
इक
झलक
देखू

💃🏻💃🏻💃🏻💃🏻
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


नींद में भी
गिरते हैं
मेरी
आँख से आंसू

जब भी
तुम
मेरे हाथ से

चरणों को
छुड़ा
लेते हो
मेरे नाथ ।

💧💧💧💧💧
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


 यूँ
अकेला
छोड़ कर
मत
जाया करो
हमे...

मोहन


सब कुछ
जाना
मंजूर है
आपका
नही...

🙏🏻🙏🏻🙏🏻
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


तासीर
इतनी ही
काफी है

कि
तू मेरा

ठाकुर है..


क्या
ख़ास है
तुझमे,
ऐसा
मैंने
कभी
सोचा ही नही

🍁🎈🍁🎈
[13:03, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


ज़िन्दगी में
एक तुम
ही ऐसे
मिले

जिसे हम
पा नहीं
सकते

सिर्फ
चाह सकते हैं.

💼👜🚗

बैग खाली
शुभ रात्रि
[13:06, 12/24/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


ना जाने
कौनसी
दौलत हैं..!
आपकी
नज़रों में

मोहन

देखते हो
तो.!
हमे
खरीद
लेते हो

💃🏻💃🏻

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