Sunday, 6 December 2015

🌸 ब्रज की वार्ता ग्रन्थ से 🌸  
                                                   वाल पुट्टी का बेस                

💎 किसी कमरे में पेंट कराना हो तो पेंटर पहले पुराने पेंट को घिसता है पुट्टी लगाता है

💎 पुराने वाले रंगों को दबाने के लिए प्राइमर करता है  । यदि आपने ध्यान दिया हो तो  base बनाने में ही तीन चार दिन लगा देता है

💎 फिर पेंट को फटाफट एक ही दिन में कर देता है और यदि वह बिना बेस बनाए

🍁 ऑरेंज रंग के पुराने पेन्ट पर लाइट क्रीम पेंट कर दे तो करना ना करना बेकार हो जाता है,

💎 इसी प्रकार भगवत प्राप्ति के श्रवण लीला चिंतन  आदि कुछ भी अंगों का आश्रय लेने से पहले आवश्यक है कि  base बन

💎 अर्थात चित्त शुद्ध हो जिस पर इन का  प्रभाव होना है ।।                                 चित शुद्ध होता है केवल और केवल नाम से ही

💎 श्री चैतन्य महाप्रभु ने स्वयं सत्य कहा है

चेतो दर्पण मार्जनम्
बिना चित्त शुद्धि के वही हाल होगा जो ऑरेंज पेंट पर क्रीम पेंट करने से होता है ।  

💎 इससे तात्पर्य यह है कि पहले नाम सिमरन या संकीर्तन द्वारा हम अपने चित्त को शुद्ध करें तभी उस पर भगवत भक्ति के अन्य अंगों का साक्षात्कार होगा।।  

😏😏

जय जय श्री राधे । जय निताई

लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
श्री हरिनाम प्रेस । वृन्दाबन

प्रस्तुति । श्यामा किंकरी शालू

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