Tuesday, 1 December 2015

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🍒 ब्रज की खिचड़ी🍒
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🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

💐श्री  राधारमणो विजयते 💐

क्रम संख्या 1

🍜 ब्रज की खिचड़ी -- कुछ अटपटा नाम है , लेकिन चटपटा स्वाद !
रस और  अध्यात्म से भरपूर।

👳🏻यह ग्रन्थ रचित है दासभास श्री गिरिराज नांगिया जी द्वारा।

🍩 कैसे पकी यह खिचड़ी :

अनेक पदार्थों के सम्मिश्रण  को कहते हैं खिचड़ी। उसी खिचड़ी के गुणों को सार्थक करता है यह ग्रन्थ ।

इस ग्रन्थ में वैष्णव आधार को, वैष्णव भक्ति को सुदृढ़ करने के अनेक मार्ग हैं , अर्थात इस ग्रन्थ में उन छोटी - छोटी बातों का समावेश है , जिनका ज्ञान प्रत्येक वैष्णव  को होना अनिवार्य है।

👷🏻 पाठकगण भी बड़े - बड़े निबंधों को पढ़ने कीे बजाए , सार में अधिक रूचि लेते हैं । इस ग्रन्थ में छोटी - छोटी  चीजों का उल्लेख करके वैष्णव आधार को दृढ़ करने का प्रयास किया गया है।

🌱आशा है , हमारा यह प्रयास अवश्य ही आप सभी के ह्रदय में ज्ञान को  प्रकाशित कर आपको भक्ति मार्ग की और अग्रसर करेगा।


क्रमशः
 🌺जय राधारमण
 🌺जय निताई


लेखकः
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन

प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू

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