📚🍵 ब्रज की खिचड़ी 🍵📚
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻
💐श्रीराधारमणो विजयते 💐
क्रम संख्या 1⃣8⃣
🌿 श्री गुरुदेव की जय 🌿
श्रीलरघुनाथ गोस्वामी कह रहे हैं
सर्वश्रेष्ठ हरिनाम,
दीक्षा -मंत्र
शचिनंदन श्री गौरहरि
और उनके परिकर
श्री स्वरुप दामोदर गोस्वामी, श्रीलरूप गोस्वामी
तथा उनके जेष्ठ भ्राता श्रीलसनातन गोस्वामी,
सर्वश्रेष्ठ श्री मथुरा पुरी
और उसमें भी अत्यधिक श्रेष्ठ
श्री वृंदावन धाम
🐚उस वृंदावन धाम में क्रमशः श्रेष्ठता को प्राप्त
श्री गिरिराज गोवर्धन,
श्री राधा कुण्ड और
अहो ! वहां पर
श्री राधा माधव की सेवा
प्राप्त करने की
परम उत्कट आशा -
यह सब जिनकी अहैतुकी कृपा से
मेने प्राप्त किया है
उन श्रील गुरुदेव के चरणो में नतमस्तक होकर मेरा बारम्बार प्रणाम ।
🌿व्रत नियम निभाएं कैसे🌿
🕐 प्रारंभ में कोई भी व्रत नियम लंबे समय के लिए तभी लें जब आपको पक्का विश्वास हो,
डगमग स्थिति में यह नियम कम समय के लिए, कम मात्रा में लें।
उसे दृढ़ होकर पूरा करें, एक बार फिर कुछ अधिक समय के लिए अधिक व्रत लें ।
🎓इस प्रकार आप को व्रत करने की आदत और अभ्यास दोनों हो जाएगा , और आप द्रढ़ होकर लंबा व्रत ले सकते हैं ।
और यह निश्चित भी है और आप सफल होंगे।
जेसे मौन रहना हो तो पहले दिन 2 घण्टे मौन रहें । सफलता मिले तो अगले दिन 3 या 4 घण्टे का । इसी तरह बढ़ाते जांय ।
पहले दिन ही 12 घण्टे का मौन ले लिया तो परेशान हो सकते हैं
🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻
लेखक
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।
🌞प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻
💐श्रीराधारमणो विजयते 💐
क्रम संख्या 1⃣8⃣
🌿 श्री गुरुदेव की जय 🌿
श्रीलरघुनाथ गोस्वामी कह रहे हैं
सर्वश्रेष्ठ हरिनाम,
दीक्षा -मंत्र
शचिनंदन श्री गौरहरि
और उनके परिकर
श्री स्वरुप दामोदर गोस्वामी, श्रीलरूप गोस्वामी
तथा उनके जेष्ठ भ्राता श्रीलसनातन गोस्वामी,
सर्वश्रेष्ठ श्री मथुरा पुरी
और उसमें भी अत्यधिक श्रेष्ठ
श्री वृंदावन धाम
🐚उस वृंदावन धाम में क्रमशः श्रेष्ठता को प्राप्त
श्री गिरिराज गोवर्धन,
श्री राधा कुण्ड और
अहो ! वहां पर
श्री राधा माधव की सेवा
प्राप्त करने की
परम उत्कट आशा -
यह सब जिनकी अहैतुकी कृपा से
मेने प्राप्त किया है
उन श्रील गुरुदेव के चरणो में नतमस्तक होकर मेरा बारम्बार प्रणाम ।
🌿व्रत नियम निभाएं कैसे🌿
🕐 प्रारंभ में कोई भी व्रत नियम लंबे समय के लिए तभी लें जब आपको पक्का विश्वास हो,
डगमग स्थिति में यह नियम कम समय के लिए, कम मात्रा में लें।
उसे दृढ़ होकर पूरा करें, एक बार फिर कुछ अधिक समय के लिए अधिक व्रत लें ।
🎓इस प्रकार आप को व्रत करने की आदत और अभ्यास दोनों हो जाएगा , और आप द्रढ़ होकर लंबा व्रत ले सकते हैं ।
और यह निश्चित भी है और आप सफल होंगे।
जेसे मौन रहना हो तो पहले दिन 2 घण्टे मौन रहें । सफलता मिले तो अगले दिन 3 या 4 घण्टे का । इसी तरह बढ़ाते जांय ।
पहले दिन ही 12 घण्टे का मौन ले लिया तो परेशान हो सकते हैं
🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻
लेखक
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।
🌞प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू
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