Thursday, 17 December 2015

[12:32, 12/6/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


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       6⃣◆1⃣2⃣◆1⃣5⃣

             रविवार मार्गशीर्ष
              कृष्णपक्ष दशमी

                     5⃣8⃣
                   
         ❗सदा हरिनाम ग्रहण❗

🌸   हर समय हर अवस्था में श्री हरिनाम का उच्चारण कीर्तन करना चाहिये l संख्या पूर्वक नाम करना या संख्या रहित नाम करना साधक की इच्छा एवं सुविधा पर अथवा चित्त की अवस्था पर निर्भर करता है l फिर भी संख्या पूर्वक नाम ग्रहण करने की रीति सर्वत्र प्रचलित एवम् अनुमोदित है l

🌸    संख्या पूर्वक नाम ग्रहण का व्रत लेने से एक विशेष अनुशासन रहता है l चिंतामणि की तरह श्री भगवान के समस्त नाम समान फल प्रदान करने वाले हैं l लेकिन आवश्यकता है श्री नाम पर केंद्रित होने की lश्रद्धा सहित हो या अवहेलना पूर्वक नाम प्रभाव पड़ेगा और श्री नाम की कृपा से भगवदभक्ति की प्राप्ति होगी l

🌸    उपरोक्त सार डॉ दासाभास जी द्वारा प्रस्तुत ब्रजभक्ति के चौसठ अंग से लेते हुए  हम सबका जीवन भी प्रभु की भक्ति से प्रकाशित हो यही प्रार्थना है राधेश्याम के चरणों में l 👣👣
                  क्रमशः........
                               ✏ मालिनी
 
         ¥﹏*)•🌸•(*﹏¥
              •🌿★🌿•
        "🌸सुप्रभात 🌸"
✽🌿श्रीकृष्णायसमर्पणं🌿✽
      "🌸जैश्रीराधेकृष्ण🌸"
              •🌿★🌿•
          ¥﹏*)•🌸•(*﹏¥    

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[15:23, 12/7/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia: 💐श्री  राधारमणो विजयते 💐
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

         📚🍵ब्रज की खिचड़ी 🍵📚

       क्रम संख्या 1⃣5⃣

   🌿 किसमें कौन हूं मैं 🌿

☀सब प्राणियों में स्थित -आत्मा
प्राणियों का -  आदि,  मध्य, अंत यानी
👶🏻   जन्म
👥   जीवन
💀   मृत्यु

☀   अदिति के बारह पुत्रों में  
          विष्णु          
🌅   ज्योतियों  में - सूर्य
🌝   उनचाश देवताओं में - तेज
🌙   नक्षत्रों का अधिपति - चंद्र
🐚   वेदो में - सामदेव
🎼   इंद्रियों में - मन
🎭   प्राणियों में -जीवन शक्ति
🙌   एकादश रुद्रों में - शंकर
💶   यक्ष - राक्षसों में- कुबेर
🔥   आठ  वसुओं में - अग्नी
🗻   पर्वतों में - सुमेरु
🌾   पुरोहितों में - वृहस्पति
👮🏻   सेनापति में - स्कन्द
🌁   जलाशयों में - समुद्र
👳🏻   महर्षियों में - भृगु
📖   शब्दों में -ऊँ
🌇   यज्ञों में - जप यज्ञ
🗾   स्थिर रहने वालों में-  
        हिमालय
🎄   वृक्षों में - पीपल
🎅   देवऋषियो  में - नारद

🌿 कौन क्या चाहता है 🌿

👳🏻 योगी -
        आत्म स्वरूप का दर्शन
👤 कर्मी - स्वर्ग
📚 ज्ञानी - ब्रह्म में लींन
🙏 भक्त - प्रभु की सेवा।

🌕अब जब यह समझ आ गया कि मैं शरीर नहीं हूँ। मैं ईश्वर की अंशभूत एक शक्ति हूँ; तो प्रश्न उठता है कि मुझे क्या प्राप्त करना है और कैसे? मेरा कार्यक्षेत्र क्या है?

💐 यही सबसे कठिन बात है। इसे समझना ही आवश्यक है। एक जीव को जो प्राप्त करना है उसे हम 'साध्य' कहते हैं । और उस 'साध्य' को जिसके द्वारा प्राप्त किया जाएगा- उसे कहते हैं 'साधन' ।

 🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻

लेखकः-
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।

📝 प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू



[15:23, 12/7/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


तुम्हारा
सिर्फ
हवाओं पे
शक गया होगा..!

चिराग़
खुद भी तो
जल जल के
थक गया होगा..!!

जय श्री राधे । जय निताई
शुभ रात्रि



[15:23, 12/7/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


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       7⃣◆1⃣2⃣◆1⃣5⃣

            सोमवार मार्गशीर्ष
            कृष्णपक्ष एकादशी
                     5⃣9⃣
                   
             ❗जन्माष्टमी❗

🍓     श्री कृष्ण के जन्मउत्सव को मनाना l इस दिन श्री भगवान के विग्रह का पंचामृत दूध दही घी शहद एवं जल द्वारा अभिषेक कराना चाहिये l प्रभु को नवीन वस्त्र श्रृंगार धारण कराना चाहियेl स्वादिष्ट व्यंजन माखन मिश्री का भोग लगाना चाहिये l

🍓     स्वयं उपवासी रहना चाहिये ताकि शरीर मन इंद्रियों में विकार न हो और प्रभु का भजन होता रहे l प्रभु लीलाओं का गान संकीर्तन मालाजप श्री गीता जी का पाठ पढ़कर समझना चिंतन करना मनन करना आदि है l

🍓    उपरोक्त सार डॉ दासाभास जी द्वारा प्रस्तुत ब्रजभक्ति के चौसठ अंग से लेते हुए  हम सबका जीवन भी प्रभु की भक्ति से प्रकाशित हो यही प्रार्थना है राधेश्याम के चरणों में l 👣👣
                  क्रमशः........
                               ✏ मालिनी
 
         ¥﹏*)•🍐•(*﹏¥
              •🍒♀🍒•
        "🍍सुप्रभात 🍍"
✽🍓श्रीकृष्णायसमर्पणं🍓󟼽
      "🍍जैश्रीराधेकृष्ण🍍"
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          ¥﹏*)•🍐•(*﹏¥    

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[15:23, 12/7/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


ये चित्र श्री विष्णुप्रिया जू का है
आप श्री चैतन्य महाप्रभु की दूसरी पत्नी हैं ।

महाप्रभु के गृहत्याग । संन्यास के बाद उनकी पादुकाओं को रखकर

एक महामन्त्र पर एक चावल का दाना अलग रखती । भजन के अंत में जितने दाने चावल के हो जाते

उन्हें ही बना कर स्वयं पाती थी साथ ही कुछ प्रसाद सेविका आदि को भी देती थी

इसके अतिरिक्त कुछ भी नही खाना दिन भर

ऐसे ही नही बनती कोई
विष्णुप्रिया

सोचिये । भजन की कितनी ऊंचाई । और एक हम हैं की बस

जय श्री राधे । जय गौर
जय निताई

समस्त वैष्णवजन को मेरा सादर प्रणाम ।



[11:49, 12/8/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


जिस प्रकार एक लौकिक
व्यक्ति को
किसी महिला से बात
करना मना नही है ।
लेकिन हर महिला को पत्नी की
दृष्टि से देखना मना है ।
पत्नी तो एक ही काफी है
बाकी कोई बहिन । बेटी । माँ । चाची ।मामी ।आदि

ठीक उसी प्रकार
एक वैष्णव को अन्यान्य देवी
देवताओं या विग्रहों को प्रणाम
करना आदर देना मना नहीं ह
सबको अपना इष्ट मानना मना है । इष्ट एक । प्रभु एक ।
आदर सबका । उपासना एवम्
आशा । कामना एक से ही

इसे ही अनन्यता कहते हैं

जय श्री राधे । जय निताई



[11:49, 12/8/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


 तेरी
यही आदत
हम
सब को
सदा
याद रहेगी,

मोहन

न शिकवा
न कोई गिला,
जब भी मिला,
मुस्कुरा के मिला..

जय श्री राधे । जय निताई



[11:49, 12/8/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


💐श्री  राधारमणो विजयते 💐
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

         📚🍵ब्रज की खिचड़ी 🍵📚

       क्रम संख्या 1⃣6⃣

       🌿  छह भग  🌿

📖 भगवतस्वरुप में

1 । श्री,
2 । विदया,
3 ।यश,
4 । वीर्य,
5 । वैराग्य,
6 । ऐश्वर्य,

🌷 ये 6 भग शतप्रतिशत होते हैं ।
इन्ही के कारण उन्हें भग वान कहते हैं । जेसे बल वाले को बलवान । ऐसे ही इन भगो सें जो युक्त है । वह भगवान ।

 इन 6  भगो में एक वैराग्य भी है

🐠 श्रीराम का वैराग्य

🙌श्रीराम ने तुरंत उसी समय मरते पिता को छोड़कर राज्य को परिवार को छोड़कर वन गमन किया,  यह उनके अनलिमिटेड वैराग्य का उदाहरण है । बनवास तो लेना ही था । और चौदह  वर्ष का बनवास था,

🌷 आराम से कुछ दिन रुक कर पिता का अंतिम संस्कार और  राज्य की अन्य व्यवस्था आदि करवा कर फिर चले जाते,

🌷 लेकिन वैराग्य की पराकाष्ठा इसी में है कि तुरंत ही पीछे की व्यवस्थाओं की चिंता किए बिना चल दिए।

🐠 श्री कृष्ण का वैराग्य

🙏 यही बात कृष्ण ने भी की।  प्राण प्रियतम नंद यशोदा बृजवासी तथा श्री राधा आदि गोपीगण को क्षण में छोड़ कर चले गए।

🐠 श्री चैतन्य महाप्रभु

💫यही बात महाप्रभु श्रीगौरांग ने भी दिखाई । विधवा असहाय वृद्ध शची माँ,  नवविवाहिता  विष्णुप्रिया को तुरंत छोड़कर ग्रह त्याग कर  किया।

📈श्री, विद्या, यश, वीर्य,  वैराग्य,  ऐश्वर्य यह 6 औरों में भी हो सकते हैं ।

लेकिन भगवान में यह शत- प्रतिशत या अनलिमिटेड होते हैं।


🌿🌿 दिखना🌿🌿

👀इस संसार में कुछ चीजें दिखती हैं , कुछ को अनुभव करना पड़ता है ।सभी कुछ इन आंखों से नहीं दिखता है।

 🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻

लेखकः-
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।

📝 प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू



[11:49, 12/8/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


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       8⃣◆1⃣2⃣◆1⃣5⃣

           मंगलवार मार्गशीर्ष
            कृष्णपक्ष द्वादशी

                    6⃣0⃣
                   
         ❗श्री मूर्ति सेवा❗

🌸    श्रद्धा या प्रीति एवं आदर सहित भगवान की मूर्ति की सेवा भक्ति का 60वाँ अंग है l भक्ति में श्रेष्ठ है नवविधा भक्ति और उसमे सर्वश्रेष्ठ है श्री नाम संकीर्तन l पुनः पाँच ऐसे अंग है जिनके पालन से चौसठ अंग भक्ति स्वतः पूर्ण हो जाती है l उन पाँचों में प्रथम है श्री मूर्ति पूजा l

🌸     शास्त्रों में आठ प्रकार की मूर्तियों का वर्णन है l मूर्ति भी चल और अचल दो प्रकार की होती है l जो प्रीति पूर्वक जिस श्री विग्रह हो सुसज्जित करते हैं भक्त वत्सल श्री भगवान भक्त की प्रीति के वशीभूत होकर उस श्री विग्रह को आत्मसात करते हैं l इससे श्री विग्रह और श्री भगवान में कुछ भी पार्थक्य नहीं है l

    ❗श्री मूर्ति भगवत स्वरुप से अभिन्न मानी गयी है lमूर्ति को अर्चावतार कहा है l❗

 🌸    उपरोक्त सार डॉ दासाभास जी द्वारा प्रस्तुत ब्रजभक्ति के चौसठ अंग से लेते हुए  हम सबका जीवन भी प्रभु की भक्ति से प्रकाशित हो यही प्रार्थना है राधेश्याम के चरणों में l 👣👣
                  क्रमशः........
                               ✏ मालिनी
 
         ¥﹏*)•🌸•(*﹏¥
              •🌿★🌿•
        "🌸सुप्रभात 🌸"
    🌿श्रीकृष्णायसमर्पणं🌿
      "🌸जैश्रीराधेकृष्ण🌸"
              •🌿★🌿•
          ¥﹏*)•🌸•(*﹏¥    

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