Tuesday 31 May 2016

अच्छा या बुरा



अच्छा या बुरा

 जो अच्छा लगता है
 उसे गौर से मत देखो,
 ऐसा न हो कोई
 बुराई निकल आए!

 जो बुरा लगता,है
 उसे गौर से देखो
 मुमकिन है कोई
 अच्छाई नजर आ जाए....!

🐚 ॥ जय श्री राधे 🐚
🐚 ॥ जय निताई   🐚




श्रीवास आविर्भाव


▶ जय श्री राधे
▶ श्रीवास आविर्भाव
▶ हम आप सभी श्री पंच तत्व का दर्शन करते हैं ।
▶ पंचतत्व में बीच में भगवान श्री कृष्ण चैतन्यमहाप्रभु हैं
▶ उनके दाएं नीले वस्त्र में नित्यानंद प्रभु है
▶ श्री नित्यानंद प्रभु की दाई ओर
▶ दाढ़ी वाले श्री अद्वैत प्रभु हैं
▶ श्री चैतन्य महाप्रभु के बाई ओर गदाधर पंडित है
▶ श्री गदाधर पंडित की बाई और श्रीवास हैं ।
▶ जिस प्रकार ये सृष्टि
▶ पृथ्वी
▶ जल
▶ आकाश
▶ वायु
अग्नि
▶ इन 5 तत्वों से बनी है । उसी प्रकार ये पञ्च तत्व ही श्री चैतन्य लीला का आधार हैं । इसी
▶ आधार में से एक हैं श्रीवास
पञ्च तत्व का परिचय कुछ इस प्रकार है

▶ श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु स्वयं भक्त रूप है
▶ श्री नित्यानंद प्रभु भक्तस्वरुप है
▶ श्री अद्वैत आचार्य भक्त अवतार हैं
▶ श्री गदाधर पंडित भक्त शक्ति है
▶ और श्रीवास भक्त हैं
▶ श्रीवास के आंगन में ही नित्य प्रति महाप्रभु जी का संकीर्तन रास हुआ करता है ।
▶ श्रीवास की पत्नी मालिनी देवी हैं जो श्रीनित्यानंद प्रभु के प्रति वात्सल्य का भाव रखती थी ।
▶ वात्सल्य का स्तर भी ऐसा कि नित्यानंद प्रभु को देखते ही प्रौढ़ावस्था में भी उनके स्तनों से  दूध बह निकलता था । परम वैष्णवी थी आप ।
▶ आज श्रीवास जी का आविर्भाव दिवस है। ऐसे भक्त तत्व श्रीवास जी को हम बार-बार प्रणाम करते हैं । बार-बार वंदन करते हैं । बार-बार नमन करते हैं । और उनके श्री चरणों में प्रार्थना करते हैं की भक्ति का एक कण हम जीवो को भी प्रदान करें



🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚


Monday 30 May 2016

दैनिक भजन

✅  दैनिक भजन ✅

▶ हम लोग जो प्रतिदिन भजन
▶ करते हैं । वह निश्चित ही
▶ श्री कृष्ण को सुख प्रदान करने के लिए ही करते हैं और वे सुखी या आनंदित होते भी हैं

▶ अब जब वो आनंदित होते हैं तो हम बिना आनंद के कैसे रह
▶ सकते हैं ।हमे भी आनंद मिलता ही है

▶ फिर भी हमारे जो कुछ लौकिक अभाव या कामनाएं हैं । उन्हें
▶ सब पता ही है । वे पूरी करेंगे ही । फिर भी यदि कोई कामना पूरी करवानी हो तो

▶ उसके लिए दैनिक भजन से अलग कुछ विशेष भजन । जप आदि करना चाहिए । जो अपने ▶ सुख के लिए होगा ।

▶ कृष्ण के सुख के लिए रोज़ वाला नियम कम नही करना चाहिए ।

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚





Sunday 29 May 2016

दासाभास जी कहिन भाग 3

🌀 भोलेनाथ वंशी स्वरूप नही ~~~>  http://yourlisten.com/Dasabhas/bholenath-vanshi-swroop-nhi

🌀 लोकाचार एकादशी पांच दिन की ~~~> http://yourlisten.com/Dasabhas/lokachaar-ekadshi-4-din-ki

🌀 तुलसी जप माला नियम ~~~> http://yourlisten.com/Dasabhas/tulsui-jap-mala-niyam

🌀 श्री तुलसी शालिग्राम विवाह विधि ~~~> http://yourlisten.com/Dasabhas/tulsi-shaligram-vivah

🌀 रविवार को तुलसी जी को दीपदान ~~~> http://yourlisten.com/Dasabhas/ravivar-ko-tulsi-ji-ko-deepdaan​

​🌀 गुरु धारण करने की  हिदायते ~~~ > http://yourlisten.com/Dasabhas/guru-dharan-ki-hidayte

🌀 चरण स्पर्श का भाव ~~~> http://yourlisten.com/Dasabhas/charan-sparsh-ka-bhav

🌀 कंठी माला के दाने ~~~ > http://yourlisten.com/Dasabhas/kanthi-mala-ke-daane

🌀 सुबल  कौन ~~~> http://yourlisten.com/Dasabhas/subal-kon-the

🌀 आनंद मन का भाव ~ स्वर -राधिका  ~~~> http://yourlisten.com/Dasabhas/anand-man-ka-bhav-radhika
 
YourListen वौइस् चेनल ~~~> http://yourlisten.com/Dasabhas
 
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚
 
 
 

Saturday 28 May 2016

ससार ही सार

✅ ससार ही सार ✅

▶ इस संसार में अनेक प्रकार के क्लेश हैं
▶ रोग हैं । रोगी हैं
▶ भोगी हैं । क्रिमनल हैं
▶ पापी हैं । तापी हैं । लेकिन इस बात को मत भूलना कि हमारा
▶ गोविन्द भी इसी संसार में है

▶ हमें दूसरे दूसरे लोगों से नही
▶ गोविन्द के प्यारों से वास्ता रखते हुए । गुरु से वास्ता रखते हुए । वैष्णवों से वास्ता रखते हुए गोविन्द के ▶ चरणारविन्द की सेवा तक पहुंचना है

▶ ये संसार वास्तव में तो कृष्ण चरण सेवा प्राप्ति के लिए बनाया था । हमे भी साधन के लिए बनाया था । लेकिन ▶ हम स्त्री चरण लोलुप हो गए ।

▶ अतः प्रणाम है इस संसार को जिसमे हमारे ठाकुर का धाम वृन्दाबन है ।बरसाना है । संत हैं । सिद्ध हैं । ▶ गुरुजन हैं । हम हैं । आप हैं । इसका अपने मतलब का उपयोग करो और बाकी से

▶ विचरेत् असंगः

▶ अनासक्त होकर विचरण करो । असंग रहो । जेसे भीड़ में तुम्हारे साथ बेटी चल रही होती है तो उसका ध्यान ▶ रखते हो । दूसरी ओर कोई और चल रहा होता है उसका ध्यान नही रखते हो । ये है असंग ।

▶ वो या संसार चलेगा साथ ही । लेकिन उसका संग मत करो । ध्यान मत दो । चलने दो । हमे क्या । ये भाव ।

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚



Friday 27 May 2016

भजन भक्ति

भजन भक्ति


✅ भजन भक्ति ✅

▶  वेसे तो 4 प्रकार के लोग भजन करते हैं

▶ 1 । दुखन से दुखी
▶ 2 । जानकारी के लिए
▶ 3 । कामना पूर्ति
▶ 4 । भजन के लिए

▶ ऊपर के 3 तो काम पूरा होने पर भजन छोड़ भी देते है । लेकिन भजन के लिए भजन करने वाले कभी नही छोड़ते ।

▶ भजन के लिए भजन अर्थात कृष्ण को सुख देने के लिए भजन
▶ अर्थात प्रेम ।

▶ इसका एक निश्चित क्रम है

▶ 1 । श्रद्धा
उत्पन्न होती है कृष्ण में या भजन में
▶ 2 । साधू संग
कृष्ण प्रेम में जो लगे हैं ।भजन में जो लगे हैं उनका संग होता ह
▶ 3 । भजन प्रारम्भ
वे वैष्णवजन भजन की शिक्षा देकर भजन में प्रवेश कराते हैं

▶ भजन में प्रवेश होते ही
1 । दैन्य आता ह या अहम जाता ह
2 । जितने भी क्लेश हैं वे धीरे धीरे समाप्त होते हैं ।

▶ अब जो लोग कहते हैं कि घर वाले भजन नही करने देते । क्लेश करते हैं । वे अच्छी तरह समझ लें यदि क्लेश समाप्त होने की बजाय बढ़ रहे हैं तो वे भजन नही । व भजन क नाम  पर

▶ 1। अपने दायित्वों से भाग रहे हैं
▶ 2। अपनी भक्त होने की इगो
▶ 3। भजन क नाम पर दादागीरी
▶ 4। या कुछ और कर रहे हैं

▶ मोटी बात क्लेश है तो भजन नही और भजन होगा तो क्लेश नहीं  । अतः भजन करिये भजन ।दैन्य सहित भजन । क्लेश छु मन्तर

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚



Thursday 26 May 2016

सन्यास पर दासाभास् जी के उदगार

सन्यास पर 

Dasabhas DrGiriraj Nangia जी द्वारा

सरल प्रवचन

https://www.youtube.com/watch?v=QHIl9e--LcI

youtube चैनल : https://www.youtube.com/channel/UCP1O_g-hYWlSJVkRiko0qwQ



अभाव

✅ अभाव ✅

▶ तभी तक रहता है जब तक
संसार में

▶ स्वभाव

रहता है ।
▶ और भजन के

▶ प्रभाव

▶ से वंचित रहता ह

▶ भजन से ऐसा

▶ भाव
▶ बन जाता है कि समस्त

▶ कुभाव
▶ अभाव

▶ सद्भाव बन जाते है
🍁🍁


🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚




Wednesday 25 May 2016

एक तू न मिला

एक तू न मिला


✅  एक तू न मिला ✅


▶ एक तू न मिला
▶ सारी दुनिया मिली भी तो क्या है

▶ उस कृष्ण को चाहना भर है
▶ उपेक्षा किसी की भी नही करनी
▶ अपने आप सब छूटता जाएगा ।

▶ टारगेट पाने पर
▶ छोड़ने पर कभी नही । कभी नही

समस्त वैष्णव जन को सादर प्रणाम!!

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚





Tuesday 24 May 2016

सुन्दर चश्मा

सुन्दर चश्मा
सुन्दर तरह तरह की कैप
अलग अलग पोज़
लिपस्टिक फेसिअल
बालों का तरह तरह का स्टायल
कभी थोड़ी के नीचे हाथ
कभी ये अदा
कभी वो अदा
से फ़ोटो खिचा कर dp लगाने वालों का अभी देह अध्यास
देह की आसक्ति दृढ बनी हुई है
ऐसे कुछ लोग
अपने को सखी और साक्षात्कार की बात करें तो
मेरा उनको प्रणाम है

🐚 ॥ जय श्री राधे 🐚

🐚 ॥ जय निताई   🐚



Monday 23 May 2016

मांगना । देना



✅ मांगना । देना ✅

▶ जब हम किसी से कुछ चाहें तो
▶ उसे प्रसन्न करना
▶ उससे कुछ जान पहचान बनाना
▶ उसके प्रति अपराध न करना

▶ आदि आदि कुछ नियम या चेष्टायें रखनी ही पड़ती हैं । और वो कुछ दे भी देता ह

▶ लेकिन जब कोई देना चाहे तो
▶ वह फिर अकारण ही दे देता है विचार किये बिना ।

▶ जेसे कृपा । यदि हम लेना चाहें तो
▶ भजन
▶ नाम जप
▶ आदि बहुत कुछ ह करने को

▶ और प्रभु देने पर उतारू हो जाएँ तो
▶ माधाइ ने मारा । खून भी आ गया । फिर भी नित्यानंद प्रभु ने कृपा कर ही दी

▶ अतः लगे रहो । कृपा भी सर्वतंत्र स्वतंत्र है । पता नही कब वो बांटने पर उतारू हो जाए । उनकी कृपा की ▶ बाट जोहते हुए भजन करते रहो

▶ समस्त वैष्णवजन को सादर प्रणाम

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚

 मांगना । देना ! http://shriharinam.blogspot.in/

 मांगना । देना ! http://shriharinam.blogspot.in/

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Sunday 22 May 2016

"ब्रज की प्रेरणा (इ बुक)"

Shri Harinam Press का प्रथम

इ ग्रन्थ

"ब्रज की प्रेरणा (इ बुक)"

(मोबाइल और लैपटॉप पर पढने योग्य फॉर्मेट में

लेखक : Dasabhas DrGiriraj Nangia

💐डाउनलोड लिंक💐

https://pothi.com/pothi/node/188535


Saturday 21 May 2016

श्रीराधारमण लाल जू का प्राकट्य

✅ श्रीराधारमण लाल जू का प्राकट्य ✅

▶ जय श्री राधे

▶ आज श्री राधारमण जू का प्राकट्य दिवस है  । आज यहां मंदिर में श्री राधारमण जी का अद्भुत अभिषेक होता है । यह अभिषेक ठीक वैसे ही होता है जैसे जन्माष्टमी के दिन होता है ।

▶ श्री गोपाल भट्ट जी के पास शालिग्राम शिला के रूप में श्री राधारमण जी थे

Friday 20 May 2016

भजन में शांति

✅ भजन में शांति ✅

▶ मेरे एक वैष्णव मित्र ने बताया
▶ दासाभास । मेने तो आपके कहे अनुसार अपने को भजन में लगाया था ।

▶ घर वाले कहते हैं कि आप कितने शांत हो गए हैं ।ऐसा होता क्या ।

▶ मेने कहा तुम खुद प्रमाण हो फिर भी पूछते हो । अतः भजन में या जिसमे लगना हो पूरे प्रायास से लग जाओ ▶ उसमे । छूटने वाली बातें कब छूट जाएंगी । पता भी न चलेगा ।

▶ भजन के लिए तो ये रामबाण सिद्धांत है

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚




Thursday 19 May 2016

स्वभाव

✅ स्वभाव ✅

▶ यदि संस्कार जन्य है तो

▶ स्वीकार कीजिये

▶ नही बदलेगा

▶ यदि संग । देश । काल । जन्य

▶ है तो देश । काल बदलने से

▶ बदल जाएगा


समस्त वैष्णवजन को सादर प्रणाम

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚




Wednesday 18 May 2016

लाइन

 लाइन

🌹भगवान श्री कृष्ण ही उपास्य हैं
प्रेम के एक मात्र विषय हैं । अर्थात प्रेम यदि किया जा सकता है तो केवल कृष्ण से

👧🏻 यदि किसी और । जेसे लड़का लड़की । माता पिता पति पत्नी से है तो वह स्वार्थ या काम ही है । ये पक्का है । लेकिन देर म समझ आता है । मुझे अभी भी पूरा समझ नही आया

🚶🏻🚶🏻🚶🏻🚶🏻और प्रेम करने वालों की लाइन जहाँ से शुरू होती है । वहां सर्व प्रथम हैं हमारी राधारानी । हम सब उनके पीछे खड़ी अनेक सखियों मंजरियों आदि के पीछे हैं । क्योंकि प्रेम की आश्रय हैं श्री राधा रानी ।

🐿ईसलिए सदा पीछे ही रहना । समान या आगे जाने की कोशिश नही करनी है हमे ।

🏺ईसी प्रकार वैष्णवों की लाइन में सबसे आगे हैं शिव जी । वैष्णवानाम यथा शंभुः

📍📍दासों की लाइन में सबसे आगे हैं । हनुमान । दासोहम रामचंद्रस्य

समस्त वैष्णवजन को सादर प्रणाम

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚