Sunday, 6 December 2015

📚🍵 ब्रज की खिचड़ी 🍵📚

🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

💐श्रीराधारमणो विजयते 💐

       क्रम संख्या 1⃣9⃣

   🌿 ताकते रहते 🌿

🌸सतोगुण
🍄रजोगुण
🌵तमोगुण

तीनों सदैव ही सभी में रहते हैं । हां ! इन की मात्रा कम अधिक होती रहती है ।साथ ही इन तीनो में भारी कंपटीशन भी रहता है।

👀जिस गुण की मात्रा कम हो जाती है वह ताक में रहता है और मौका मिलते ही हावी होने की कोशिश करता है वह सफल भी हो जाता है

💧सतोगुण को मौका दो, लेकिन रजोगुण और तमोगुण को सिर उठाते ही कुचल  दो ।

तुम भी ताक में रहो!!!!!!!!

🌿भगवान तीनो के साथ🌿

🌳जब रजोगुण या तमोगुण की वृद्धि सृष्टि में अपेक्षित होती है तो भगवान -तमोगुण की वृद्धि को होने देते हैं।

🌷जब सतोगुण -की वृद्धि की आवश्यकता होती है उसे भी होने देते हैं ।

लेकिन प्राय: देखने में आता है कि भगवान देवताओं के साथ है।
सात्विक लोगों के साथ है,

सत्वगुण प्रकाशमय या ट्रांसपेरेंट होता है।  अतः भगवान की उपस्थिति दिखती है।

🎍 तमो-गुण  एवम् रजो-गुण  आवरणात्मक होते हैं। अतः भगवान की उपस्थिति दिखती नहीं ।

ठीक वैसे,  जैसे-  शीशे के बर्तन में अंदर जो है वह दिखता है स्टील या मिट्टी के बर्तन में नहीं दिखता।

🙌भगवान पक्षपाती तो नहीं हैं, लेकिन निष्ठुर भी नहीं है।  राजा हिरण्यकश्यप ने जब वत  मांग कर देवताओं को अपने अधीन कर लिया तो प्रभु शांत रहे उस समय भी हिरण्यकश्यप को असहयोग कर सकते थे, लेकिन जब अपने भक्त प्रल्हाद पर आई तो खंबे से प्रगट भी हो गए।

 🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻

लेखक
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
 📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।

🌞प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू

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