📚🍵ब्रज की खिचड़ी 🍵📚
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻
💐श्रीराधारमणो विजयते 💐
क्रम संख्या 1⃣6⃣
🌿 छह भग 🌿
📖 भगवतस्वरुप में
1 । श्री,
2 । विदया,
3 ।यश,
4 । वीर्य,
5 । वैराग्य,
6 । ऐश्वर्य,
🌷 ये 6 भग शतप्रतिशत होते हैं ।
इन्ही के कारण उन्हें भग वान कहते हैं । जेसे बल वाले को बलवान । ऐसे ही इन भगो सें जो युक्त है । वह भगवान ।
इन 6 भगो में एक वैराग्य भी है
🐠 श्रीराम का वैराग्य
🙌श्रीराम ने तुरंत उसी समय मरते पिता को छोड़कर राज्य को परिवार को छोड़कर वन गमन किया, यह उनके अनलिमिटेड वैराग्य का उदाहरण है । बनवास तो लेना ही था । और चौदह वर्ष का बनवास था,
🌷 आराम से कुछ दिन रुक कर पिता का अंतिम संस्कार और राज्य की अन्य व्यवस्था आदि करवा कर फिर चले जाते,
🌷 लेकिन वैराग्य की पराकाष्ठा इसी में है कि तुरंत ही पीछे की व्यवस्थाओं की चिंता किए बिना चल दिए।
🐠 श्री कृष्ण का वैराग्य
🙏 यही बात कृष्ण ने भी की। प्राण प्रियतम नंद यशोदा बृजवासी तथा श्री राधा आदि गोपीगण को क्षण में छोड़ कर चले गए।
🐠 श्री चैतन्य महाप्रभु
💫यही बात महाप्रभु श्रीगौरांग ने भी दिखाई । विधवा असहाय वृद्ध शची माँ, नवविवाहिता विष्णुप्रिया को तुरंत छोड़कर ग्रह त्याग कर किया।
📈श्री, विद्या, यश, वीर्य, वैराग्य, ऐश्वर्य यह 6 औरों में भी हो सकते हैं ।
लेकिन भगवान में यह शत- प्रतिशत या अनलिमिटेड होते हैं।
🌿🌿 दिखना🌿🌿
👀इस संसार में कुछ चीजें दिखती हैं , कुछ को अनुभव करना पड़ता है ।सभी कुछ इन आंखों से नहीं दिखता है।
🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻
लेखकः-
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।
🌞प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻
💐श्रीराधारमणो विजयते 💐
क्रम संख्या 1⃣6⃣
🌿 छह भग 🌿
📖 भगवतस्वरुप में
1 । श्री,
2 । विदया,
3 ।यश,
4 । वीर्य,
5 । वैराग्य,
6 । ऐश्वर्य,
🌷 ये 6 भग शतप्रतिशत होते हैं ।
इन्ही के कारण उन्हें भग वान कहते हैं । जेसे बल वाले को बलवान । ऐसे ही इन भगो सें जो युक्त है । वह भगवान ।
इन 6 भगो में एक वैराग्य भी है
🐠 श्रीराम का वैराग्य
🙌श्रीराम ने तुरंत उसी समय मरते पिता को छोड़कर राज्य को परिवार को छोड़कर वन गमन किया, यह उनके अनलिमिटेड वैराग्य का उदाहरण है । बनवास तो लेना ही था । और चौदह वर्ष का बनवास था,
🌷 आराम से कुछ दिन रुक कर पिता का अंतिम संस्कार और राज्य की अन्य व्यवस्था आदि करवा कर फिर चले जाते,
🌷 लेकिन वैराग्य की पराकाष्ठा इसी में है कि तुरंत ही पीछे की व्यवस्थाओं की चिंता किए बिना चल दिए।
🐠 श्री कृष्ण का वैराग्य
🙏 यही बात कृष्ण ने भी की। प्राण प्रियतम नंद यशोदा बृजवासी तथा श्री राधा आदि गोपीगण को क्षण में छोड़ कर चले गए।
🐠 श्री चैतन्य महाप्रभु
💫यही बात महाप्रभु श्रीगौरांग ने भी दिखाई । विधवा असहाय वृद्ध शची माँ, नवविवाहिता विष्णुप्रिया को तुरंत छोड़कर ग्रह त्याग कर किया।
📈श्री, विद्या, यश, वीर्य, वैराग्य, ऐश्वर्य यह 6 औरों में भी हो सकते हैं ।
लेकिन भगवान में यह शत- प्रतिशत या अनलिमिटेड होते हैं।
🌿🌿 दिखना🌿🌿
👀इस संसार में कुछ चीजें दिखती हैं , कुछ को अनुभव करना पड़ता है ।सभी कुछ इन आंखों से नहीं दिखता है।
🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻
लेखकः-
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।
🌞प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू
No comments:
Post a Comment