Sunday, 6 December 2015

📚🍵ब्रज की खिचड़ी 🍵📚

🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

💐श्रीराधारमणो विजयते 💐

       क्रम संख्या 1⃣6⃣

       🌿  छह भग  🌿

📖 भगवतस्वरुप में

1 । श्री,
2 । विदया,
3 ।यश,
4 । वीर्य,
5 । वैराग्य,
6 । ऐश्वर्य,

🌷 ये 6 भग शतप्रतिशत होते हैं ।
इन्ही के कारण उन्हें भग वान कहते हैं । जेसे बल वाले को बलवान । ऐसे ही इन भगो सें जो युक्त है । वह भगवान ।

 इन 6  भगो में एक वैराग्य भी है

🐠 श्रीराम का वैराग्य

🙌श्रीराम ने तुरंत उसी समय मरते पिता को छोड़कर राज्य को परिवार को छोड़कर वन गमन किया,  यह उनके अनलिमिटेड वैराग्य का उदाहरण है । बनवास तो लेना ही था । और चौदह  वर्ष का बनवास था,

🌷 आराम से कुछ दिन रुक कर पिता का अंतिम संस्कार और  राज्य की अन्य व्यवस्था आदि करवा कर फिर चले जाते,

🌷 लेकिन वैराग्य की पराकाष्ठा इसी में है कि तुरंत ही पीछे की व्यवस्थाओं की चिंता किए बिना चल दिए।

🐠 श्री कृष्ण का वैराग्य

🙏 यही बात कृष्ण ने भी की।  प्राण प्रियतम नंद यशोदा बृजवासी तथा श्री राधा आदि गोपीगण को क्षण में छोड़ कर चले गए।

🐠 श्री चैतन्य महाप्रभु

💫यही बात महाप्रभु श्रीगौरांग ने भी दिखाई । विधवा असहाय वृद्ध शची माँ,  नवविवाहिता  विष्णुप्रिया को तुरंत छोड़कर ग्रह त्याग कर  किया।

📈श्री, विद्या, यश, वीर्य,  वैराग्य,  ऐश्वर्य यह 6 औरों में भी हो सकते हैं ।

लेकिन भगवान में यह शत- प्रतिशत या अनलिमिटेड होते हैं।


🌿🌿 दिखना🌿🌿

👀इस संसार में कुछ चीजें दिखती हैं , कुछ को अनुभव करना पड़ता है ।सभी कुछ इन आंखों से नहीं दिखता है।

 🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻

लेखकः-
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।

🌞प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू

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