Thursday, 17 December 2015

[13:12, 12/9/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


💐श्री  राधारमणो विजयते 💐
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

         📚🍵ब्रज की खिचड़ी 🍵📚

       क्रम संख्या 1⃣7⃣

   🌿भक्त चार प्रकार के🌿

✔🍁 आर्त-  जो अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए भक्ति करते हैं ।

✔🍁जिज्ञासु - जो कृष्ण को जानने के लिए । केवल जानकारी के लिए भक्ति करते हैं ।

✔🍁अर्थार्थी- जो अर्थ,  यश,  पुत्र,  व्यापार या किसी लौकिक कामना के लिए भक्ति करते हैं ।

✔🍁ज्ञानी - जो कृष्ण की प्रीति,  उनकी अनुकूलतामयी सेवा या ये कहिए की भक्ति के लिए भक्ति करते हैं,

न कोई कामना,  ना दुख की निवृत्ति -  ये विशुद्ध भक्त  है ।

📗अनपढ़ से चार क्लास पढ़ा होना अच्छा है,

अभक्त से कोई भी भक्त होना अच्छा है ।लेकिन क्लास आगे और भी है चलते रहिए।

🌿🌿श्रद्धा 🌿🌿

📃श्री कृष्ण - प्रेम प्राप्त करने की प्रथम सीढ़ी है।  श्रद्धा अनेक प्रकार की है । श्रद्धा का वर्णन शास्त्रों में मिलता ।

🙌  श्रीकृष्ण की पूजा करने से समस्त देवताओं की पूजा हो जाती है,  किसी और की पूजा की कोई आवश्यकता ही नहीं रह जाती ।

जैसे पेड़ की जड़ में जल देने से उस पेड़ का तना, शाखा, फूल, फल सब तृप्त हो जाते हैं , सब को अलग अलग जल देने की जरूरत नहीं है ।

🙏ऐसी यह श्रद्धा ही कृष्ण प्रेम भक्ति प्राप्ति की प्रथम सीढ़ी है।  इस श्रद्धा के बाद-  साधु संग भजन करना, अनर्थों  की समाप्ति, निष्ठा,  रुचि, आसक्ति, भाव एवं अंत में प्रेम की प्राप्ति हो जाती है।

 🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻

लेखकः-
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।

📝 प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू



[13:12, 12/9/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


"मेरे कान्हा"

तुम्हारे
बगैर ये
वक़्त

ये दिन
और ये रात

मोहन

गुजर
तो जाते हैं
मगर
गुजारे
नहीं जाते

समस्त वैष्णवजन को सादर प्रणाम
जय श्री राधे । जय निताई



[13:12, 12/9/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


 •¶🌿¡~✽◆🌹◆✽~¡🌿¶•

       9⃣◆1⃣2⃣◆1⃣5⃣

           बुधवार मार्गशीर्ष
           कृष्णपक्ष त्रयोदशी

                    6⃣1⃣
                   
  ❗रसिकों केसाथ भागवत अर्थों का आस्वादन❗

🌹    रसिक भक्तों के साथ बैठकर श्रीमद्भागवत के एक एक पद का आस्वादन करना उसके तात्पर्य एवं रहस्य को समझना और मनन करना l श्रीमद्भागवत कृष्ण भक्ति रस स्वरुप है l श्री मद्भागवत कल्पतरू का फल है lइस फल में केवल रस ही रस है अतः यह रस स्वरुप या रसमय है l इस प्रकार श्री भगवद्धाम से
                        💧
                श्री नारायण
                         🔽
                श्री नारद जी
                         🔽
                श्री वेद व्यास जी
                         🔽
                श्री शुकदेव मुनि
                         🔽
                राजा परीक्षित
                         🔽
                समस्त जगत को आस्वादन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ l

🌹     इसका आस्वादन एक बार नहीं दो बार नहीं मोक्ष पर्यन्त करना चाहिये l अर्थ आस्वादन का तात्पर्य श्रीमद्भागवत को पढ़कर गुजर जाना नहीं अपितु उसके अर्थ या भाव को इसके अधिकारी रसिक विद्वानो के साथ बैठकर मनन चिंतन करना आस्वादन है l अर्थ एवं भाव को समझना और समझकर पाठ करना अधिक श्रेष्ठ है l

 🌹    उपरोक्त सार डॉ दासाभास जी द्वारा प्रस्तुत ब्रजभक्ति के चौसठ अंग से लेते हुए  हम सबका जीवन भी प्रभु की भक्ति से प्रकाशित हो यही प्रार्थना है राधेश्याम के चरणों में l 👣👣
                  क्रमशः........
                               ✏ मालिनी
 
         ¥﹏*)•🌹•(*﹏¥
              •🌿★🌿•
         "🌹सुप्रभात 🌹"
    🌿श्रीकृष्णायसमर्पणं🌿
      "🌹जैश्रीराधेकृष्ण🌹"
              •🌿★🌿•
          ¥﹏*)•🌹•(*﹏¥    

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[21:42, 12/10/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


💐श्री  राधारमणो विजयते 💐
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

         📚🍵ब्रज की खिचड़ी 🍵📚

       क्रम संख्या 1⃣8⃣

   🌿 श्री गुरुदेव की जय 🌿

👳🏻श्रीलरघुनाथ गोस्वामी कह रहे हैं

सर्वश्रेष्ठ हरिनाम,
दीक्षा -मंत्र
शचिनंदन श्री गौरहरि
और उनके परिकर
श्री स्वरुप दामोदर गोस्वामी, श्रीलरूप गोस्वामी
तथा उनके जेष्ठ भ्राता श्रीलसनातन गोस्वामी,
सर्वश्रेष्ठ श्री मथुरा पुरी
और उसमें भी अत्यधिक श्रेष्ठ
श्री वृंदावन धाम

🐚उस वृंदावन धाम में क्रमशः श्रेष्ठता को प्राप्त
श्री गिरिराज गोवर्धन,
श्री राधा कुण्ड और
अहो !  वहां पर
श्री राधा माधव की सेवा
प्राप्त करने की
परम उत्कट आशा -

🙏यह सब जिनकी अहैतुकी कृपा से
मेने  प्राप्त किया है
उन श्रील गुरुदेव के चरणो में नतमस्तक होकर मेरा बारम्बार  प्रणाम ।

🌿व्रत नियम निभाएं कैसे🌿

🕐 प्रारंभ में कोई भी व्रत नियम लंबे समय के लिए तभी लें जब आपको पक्का विश्वास हो,

डगमग स्थिति में यह नियम कम समय के लिए, कम मात्रा में लें।

💯 उसे दृढ़ होकर पूरा करें, एक बार फिर कुछ अधिक समय के लिए अधिक व्रत लें ।

🎓इस प्रकार आप को व्रत करने की आदत और अभ्यास दोनों हो जाएगा , और आप द्रढ़ होकर लंबा व्रत ले सकते हैं ।

और यह निश्चित भी है और आप सफल  होंगे।

😷जैसे मौन रहना हो तो पहले दिन 2 घण्टे मौन रहें । सफलता मिले तो अगले दिन 3 या 4 घण्टे का । इसी तरह बढ़ाते जांय ।

😧 पहले दिन ही 12 घण्टे का मौन ले लिया तो परेशान हो सकते हैं

 🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻

लेखक
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।

📝 प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू



[21:42, 12/10/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:


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       🔟◆1⃣2⃣◆1⃣5⃣

            गुरुवार मार्गशीर्ष
           कृष्णपक्ष चतुर्दशी

                    6⃣2⃣
                   
        ❗सजातीय स्निग्ध महत्तर साधु संग❗

🌷     समान भाव वाले स्नेही रसिक एवं अपने से श्रेष्ठ साधु पुरुषों का संग करना इस भक्ति अंग का अभिप्राय है l साधु संग ही कृष्ण भक्ति का मूल कारण है l अपने से श्रेष्ठ अपनी ही साधन निष्ठा से मेल खाने वाले सजातीय साधु वैष्णव विद्वान का संग करना चाहिये l अन्य भाव वाले का नहीं l

🌷       सजातीय और स्निग्ध साधु का संग करना चाहिये l स्निग्ध का अर्थ है जो स्नेही हो हितकारी हो l कोमल हृदय वाले साधु भक्त का संग उपादेय है l जो अपने से श्रेष्ठ हो जो भजन विषय में महान हो उसी भक्त का संग करने से साधक अपने पथ पर क्रमशः उन्नत हो सकता है l

🌷    उपरोक्त सार डॉ दासाभास जी द्वारा प्रस्तुत ब्रजभक्ति के चौसठ अंग से लेते हुए  हम सबका जीवन भी प्रभु की भक्ति से प्रकाशित हो यही प्रार्थना है राधेश्याम के चरणों में l 👣👣
                  क्रमशः........
                               ✏ मालिनी
 
         ¥﹏*)•🌷•(*﹏¥
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         "🌷सुप्रभात 🌷"
    🌿श्रीकृष्णायसमर्पणं🌿
      "🌷जैश्रीराधेकृष्ण🌷"
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