✽🌿﹏*)(*🌹*)(*﹏🌿✽
1⃣7⃣*1⃣2⃣*1⃣5⃣
गुरुवार मार्गशीर्ष
शुक्लपक्ष षष्ठी
•ө•
◆~🌹~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
•🌹 गौरांग महाप्रभु 🌹•
◆!🌿 श्री चैतन्य 🌿!◆
◆~🌹~◆
•ө•
❗विद्याध्ययन❗
🌿 श्री गौरांग ने श्री गंगादास पंडित की पाठशाला में विद्या प्रारम्भ की l इनकी असाधरण बुद्धि देखकर सब चकित रह गये और माता पिता चिंतित हो ऊठे कि कहीं विश्वरूप की तरह पढ़ लिख कर यह बीही सन्यासी न हो जाये lअतः इनका पढाई बन्द कर दी l निमाई बहुत दुखी हुए किन्तु माता पिता की आज्ञा का उल्लंघन न कर सके l
🌿 आपने फिर पढाई की एक राह निकाली l एक दिन निमाई कूड़े पर जाकर बैठ गये माता शची यह देखकर अत्यंत दुखी हुई कि ब्राह्मण की सन्तान होकर अचार विचार शुद्ध अशुद्ध का ज्ञान नहीं lनिमाई बोले शुद्ध अशुद्ध अचार विचार तो विद्या पढ़ने से पता लगता है l आपने तो मेरी पढाई बन्द कर दी l तब माता पिता ने पुनः इन्हें विद्याध्ययन के लिए भेजा l
🌿 निमाई विद्या में इतने प्रवीण थे कि गुरुदेव भी आश्चर्यचकित रह जाते l दस वर्ष की आयु में आपके पिता जी का परलोक गमन हो गया lपिता जी के बाद निमाई और अधिक उद्दण्ड हो गए किन्तु फिर समस्त शास्त्रों के आप परम विद्वान के रूप में विख्यात हो गये l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदासजी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌹•(*﹏¥
•🌿✽🌿•
•🌹सुप्रभात🌹•
•|🌿श्रीकृष्णायसमर्पणं🌿|•
•🌹जैश्रीराधेश्याम🌹•
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गुरुवार मार्गशीर्ष
शुक्लपक्ष षष्ठी
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◆!🌿जयनिताई🌿!◆
•🌹 गौरांग महाप्रभु 🌹•
◆!🌿 श्री चैतन्य 🌿!◆
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❗विद्याध्ययन❗
🌿 श्री गौरांग ने श्री गंगादास पंडित की पाठशाला में विद्या प्रारम्भ की l इनकी असाधरण बुद्धि देखकर सब चकित रह गये और माता पिता चिंतित हो ऊठे कि कहीं विश्वरूप की तरह पढ़ लिख कर यह बीही सन्यासी न हो जाये lअतः इनका पढाई बन्द कर दी l निमाई बहुत दुखी हुए किन्तु माता पिता की आज्ञा का उल्लंघन न कर सके l
🌿 आपने फिर पढाई की एक राह निकाली l एक दिन निमाई कूड़े पर जाकर बैठ गये माता शची यह देखकर अत्यंत दुखी हुई कि ब्राह्मण की सन्तान होकर अचार विचार शुद्ध अशुद्ध का ज्ञान नहीं lनिमाई बोले शुद्ध अशुद्ध अचार विचार तो विद्या पढ़ने से पता लगता है l आपने तो मेरी पढाई बन्द कर दी l तब माता पिता ने पुनः इन्हें विद्याध्ययन के लिए भेजा l
🌿 निमाई विद्या में इतने प्रवीण थे कि गुरुदेव भी आश्चर्यचकित रह जाते l दस वर्ष की आयु में आपके पिता जी का परलोक गमन हो गया lपिता जी के बाद निमाई और अधिक उद्दण्ड हो गए किन्तु फिर समस्त शास्त्रों के आप परम विद्वान के रूप में विख्यात हो गये l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदासजी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
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•🌹सुप्रभात🌹•
•|🌿श्रीकृष्णायसमर्पणं🌿|•
•🌹जैश्रीराधेश्याम🌹•
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