[20:48, 12/12/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
💐श्रीराधारमणो विजयते 💐
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻
📚🍵ब्रज की खिचड़ी 🍵📚
क्रम संख्या 2⃣1⃣
🌿 स्त्री 🌿
💠स्त्रियों के सात गुण
🔱कीर्ति
🔱श्री
🔱वाक
🔱स्मृति
🔱मेधा
🔱धृति
🔱क्षमा
🐚ब्राह्मण 🐚
👳🏻ब्राह्मण -सिर - विवेक है
👮🏻क्षत्रिय -हाथ - रक्षा
👲वैश्य -उदर -अर्जन
💂शूद्र -चरण- सेवा
🌷अर्जुन 🌷
😴 निद्रा को जीतने वाले को गुड़ाकेश कहते हैं । अर्जुन
उल्टे हाथ से तीर चलाने वाले को सव्यसाची कहते हैं - अर्जुन
🙌प्रभु 🙌
👶🏻उत्पति
💥स्थिति
💀प्रलय
तथा अंतर्यामी रूप से शासन करने वाले होने से भगवान को प्रभु भी कहते हैं
🌿एक को चुनो 🌿
👫अपनी छोटी बहिन के साथ उसके कॉलेज जाओ उसकी कक्षा में बैठो थोड़ा लिखो पढ़ो और आ जाओ ।
📝 दूसरे दिन बड़ी बहिन के साथ जाओ थोड़ा लिखो पढ़ो और आ जाओ।
केवल मनोरंजन है तो ठीक है, लेकिन यदि आप सीरियस हैं और यह कहे कि मैं भी तो किसी ना किसी बहन के साथ रोज कॉलेज जाती हूं तो आपका भ्रम है।
🎓 न आपको रोज जाने दिया जाएगा न परीक्षा में बैठने दिया जाएगा न डिग्री मिलेगी और न नौकरी।
🎷इसी प्रकार कभी कृष्ण,
कभी राम,
कभी शिव,
कभी माता करोगे तो हाल वही होगा,, मनोरंजन होगा बस..... यदि गंभीर हो तो किसी भी एक के हो जाओ।
एक को पकड़ लो।
🎎जिस प्रकार पति एक ।
रिश्ते अनेक पति एक,
अन्यथा चरित्रहीन कहलाओगी।।
📈एक को पकड़ो
📈एक को भजो
📈एक में निष्ठा,
📌चुनाव खुद करो सोच-समझकर
अर्थात समय आने पर सम्मान सबका । लेकिन इष्ट एक । उपासना एक की । आशा एक से
मांग एक से । उसी से ।
घर में पूजा लड्डू गोपाल की और मनौती वैष्णो देवी की । सोचिये
🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻
लेखक
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।
📝 प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू
[16:49, 12/13/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🌿◆◆﹏*))🌺((*﹏◆◆🌿
1⃣3⃣*1⃣2⃣*1⃣5⃣
शनिवार मार्गशीर्ष
शुक्लपक्ष द्वितीया
★
◆~🌺~◆
◆!🙌🏻जयनिताई🙌🏻!◆
•🌺 गौरांग महाप्रभु 🌺•
◆!🙌🏻 श्री चैतन्य 🙌🏻!◆
◆~🌺~◆
★
🌿 संसार में जब अत्याचार बढ़ जाते है लोग अन्याय हिंसा स्वार्थ सिद्धि में प्रवृत्त हो जाते है धर्म के नाम पर अनर्थ होने लगते हैं समाज और राष्ट्र का पतन होने लगता है तब श्री भगवान किसी रूप में अवतार ग्रहण करते हैं और संसार को सत्य के रास्ते पर चलाते हैं l आपके अवतार लेने से पहले आसुरी वृत्ति के लोगो का बोलबाला था l राम कृष्ण में भेद दृष्टि फैलाकर भक्ति मार्ग को दूषित किया जा रहा था l
🌿 महाप्रभु श्री चैतन्य ने बताया कि कृष्ण भक्ति में प्राणिमात्र का अधिकार है l जीव -मात्र श्री कृष्ण का नित्य दास है lउन्होंने सांप्रदायिक संकीर्णता, जातिवाद का विरोध किया l निर्भीकता स्वावलंबता दृढ़ भगवत शरणागति पर आपने जोर दिया lआराध्य एवं आराधना का अति आनंदमय एवं निर्मल स्वरूप प्रकाशित कर श्री हरिनाम को साधन ही नहीं साध्य के रूप में प्रकाशित किया l
🌿 उपरोक्त सार
व्रजविभूति श्रीश्यामदासजी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
•🌿@🌿•
•🙌🏻 सुप्रभात🙌🏻•
🌺श्री कृष्णायसमर्पणं🌺
🙌🏻जैश्रीराधेश्याम🙌🏻•
•🌿@🌿•
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
🌿◆◆﹏*))🌺((*﹏◆◆🌿
[16:50, 12/13/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
दैनिक भजन
हम लोग जो प्रतिदिन भजन
करते हैं । वह निश्चित ही
श्री कृष्ण को सुख प्रदान करने के लिए ही करते हैं और वे सुखी या आनंदित होते भी हैं
अब जब वो आनंदित होते हैं तो हम बिना आनंद के कैसे रह
सकते हैं ।हमे भी आनंद मिलता ही है
फिर भी हमारे जो कुछ लौकिक अभाव या कामनाएं हैं । उन्हें
सब पता ही है । वे पूरी करेंगे ही । फिर भी यदि कोई कामना पूरी करवानी हो तो
उसके लिए दैनिक भजन से अलग कुछ विशेष भजन । जप आदि करना चाहिए । जो अपने सुख के लिए होगा ।
कृष्ण के सुख के लिए रोज़ वाला नियम कम नही करना चाहिए ।
समस्त वैष्णवजन को मेरा सादर प्रणाम । जय श्रीराधे । जय निताई
💐श्रीराधारमणो विजयते 💐
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻
📚🍵ब्रज की खिचड़ी 🍵📚
क्रम संख्या 2⃣1⃣
🌿 स्त्री 🌿
💠स्त्रियों के सात गुण
🔱कीर्ति
🔱श्री
🔱वाक
🔱स्मृति
🔱मेधा
🔱धृति
🔱क्षमा
🐚ब्राह्मण 🐚
👳🏻ब्राह्मण -सिर - विवेक है
👮🏻क्षत्रिय -हाथ - रक्षा
👲वैश्य -उदर -अर्जन
💂शूद्र -चरण- सेवा
🌷अर्जुन 🌷
😴 निद्रा को जीतने वाले को गुड़ाकेश कहते हैं । अर्जुन
उल्टे हाथ से तीर चलाने वाले को सव्यसाची कहते हैं - अर्जुन
🙌प्रभु 🙌
👶🏻उत्पति
💥स्थिति
💀प्रलय
तथा अंतर्यामी रूप से शासन करने वाले होने से भगवान को प्रभु भी कहते हैं
🌿एक को चुनो 🌿
👫अपनी छोटी बहिन के साथ उसके कॉलेज जाओ उसकी कक्षा में बैठो थोड़ा लिखो पढ़ो और आ जाओ ।
📝 दूसरे दिन बड़ी बहिन के साथ जाओ थोड़ा लिखो पढ़ो और आ जाओ।
केवल मनोरंजन है तो ठीक है, लेकिन यदि आप सीरियस हैं और यह कहे कि मैं भी तो किसी ना किसी बहन के साथ रोज कॉलेज जाती हूं तो आपका भ्रम है।
🎓 न आपको रोज जाने दिया जाएगा न परीक्षा में बैठने दिया जाएगा न डिग्री मिलेगी और न नौकरी।
🎷इसी प्रकार कभी कृष्ण,
कभी राम,
कभी शिव,
कभी माता करोगे तो हाल वही होगा,, मनोरंजन होगा बस..... यदि गंभीर हो तो किसी भी एक के हो जाओ।
एक को पकड़ लो।
🎎जिस प्रकार पति एक ।
रिश्ते अनेक पति एक,
अन्यथा चरित्रहीन कहलाओगी।।
📈एक को पकड़ो
📈एक को भजो
📈एक में निष्ठा,
📌चुनाव खुद करो सोच-समझकर
अर्थात समय आने पर सम्मान सबका । लेकिन इष्ट एक । उपासना एक की । आशा एक से
मांग एक से । उसी से ।
घर में पूजा लड्डू गोपाल की और मनौती वैष्णो देवी की । सोचिये
🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻
लेखक
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।
📝 प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू
[16:49, 12/13/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🌿◆◆﹏*))🌺((*﹏◆◆🌿
1⃣3⃣*1⃣2⃣*1⃣5⃣
शनिवार मार्गशीर्ष
शुक्लपक्ष द्वितीया
★
◆~🌺~◆
◆!🙌🏻जयनिताई🙌🏻!◆
•🌺 गौरांग महाप्रभु 🌺•
◆!🙌🏻 श्री चैतन्य 🙌🏻!◆
◆~🌺~◆
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🌿 संसार में जब अत्याचार बढ़ जाते है लोग अन्याय हिंसा स्वार्थ सिद्धि में प्रवृत्त हो जाते है धर्म के नाम पर अनर्थ होने लगते हैं समाज और राष्ट्र का पतन होने लगता है तब श्री भगवान किसी रूप में अवतार ग्रहण करते हैं और संसार को सत्य के रास्ते पर चलाते हैं l आपके अवतार लेने से पहले आसुरी वृत्ति के लोगो का बोलबाला था l राम कृष्ण में भेद दृष्टि फैलाकर भक्ति मार्ग को दूषित किया जा रहा था l
🌿 महाप्रभु श्री चैतन्य ने बताया कि कृष्ण भक्ति में प्राणिमात्र का अधिकार है l जीव -मात्र श्री कृष्ण का नित्य दास है lउन्होंने सांप्रदायिक संकीर्णता, जातिवाद का विरोध किया l निर्भीकता स्वावलंबता दृढ़ भगवत शरणागति पर आपने जोर दिया lआराध्य एवं आराधना का अति आनंदमय एवं निर्मल स्वरूप प्रकाशित कर श्री हरिनाम को साधन ही नहीं साध्य के रूप में प्रकाशित किया l
🌿 उपरोक्त सार
व्रजविभूति श्रीश्यामदासजी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
•🌿@🌿•
•🙌🏻 सुप्रभात🙌🏻•
🌺श्री कृष्णायसमर्पणं🌺
🙌🏻जैश्रीराधेश्याम🙌🏻•
•🌿@🌿•
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
🌿◆◆﹏*))🌺((*﹏◆◆🌿
[16:50, 12/13/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
दैनिक भजन
हम लोग जो प्रतिदिन भजन
करते हैं । वह निश्चित ही
श्री कृष्ण को सुख प्रदान करने के लिए ही करते हैं और वे सुखी या आनंदित होते भी हैं
अब जब वो आनंदित होते हैं तो हम बिना आनंद के कैसे रह
सकते हैं ।हमे भी आनंद मिलता ही है
फिर भी हमारे जो कुछ लौकिक अभाव या कामनाएं हैं । उन्हें
सब पता ही है । वे पूरी करेंगे ही । फिर भी यदि कोई कामना पूरी करवानी हो तो
उसके लिए दैनिक भजन से अलग कुछ विशेष भजन । जप आदि करना चाहिए । जो अपने सुख के लिए होगा ।
कृष्ण के सुख के लिए रोज़ वाला नियम कम नही करना चाहिए ।
समस्त वैष्णवजन को मेरा सादर प्रणाम । जय श्रीराधे । जय निताई
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