Sunday, 6 December 2015

📚🍵 ब्रज  की खिचड़ी 🍵📚

🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

💐श्री  राधारमणो विजयते 💐

       क्रम संख्या 1⃣3⃣

🌿सृष्टि के आधार-
श्रीबलराम 🌿

🙌 🌹बलराम जी प्रेमाभक्ति का मूर्तिमान विग्रह है।  श्री कृष्ण के वस्त्र, अस्त्र, आसन, शय्या,  पादुका के रूप में बलराम ही है। साथ ही इस समस्त सृष्टि का सीधा संपर्क भी बलराम जू से  है ।

☀ श्रीकृष्ण चार रूपों में स्वयं को प्रकट करते हैं ।

🌸वासुदेव
🌸बलराम
🌸प्रद्युमन
🌸अनिरुद्ध

🌝इसमें से बलराम के अंश है ।
कारण समुद्र -शायी
कारण समुद्र- शायी के अंश ह
गर्भोदक शायी -  गर्भोदक शायी के अंश है क्षीरोदक शायी - विष्णु एवम् ब्रह्मा, महेश जो सृष्टि का पालन करते है।

🙏सृष्टि के प्रधान तत्व व् प्रेमभक्ति के मूर्तिमान स्वरुप श्री बलराम जू  को कोटि-कोटि प्रणाम व कृपा की याचना

💂दाऊ दयाल बिरज  के राजा,  भंग  पियो तो ब्रिज में आजा ।

🍁बलदाऊ जी की आरती🍁

🍃बलदाऊ की आरती कीजै
🍂कृष्ण कन्हैया को दादा भैया,
🍃अति प्रिय जाकी रोहिणी मैया
🍂श्री वासुदेव पिता सो जीजै....

🍃नंद को प्राण, यशोदा प्यारो, 💧तीन लोक सेवा में न्यारो
🍂कृष्ण सेवा में तन-मन भीजै....
🍃हलदर  भैया, कृष्ण कन्हैया, 💧दुष्टन के तुम नाश करैया
🍂रेवती,  वारुणी ब्याह रचीजें..

🍃दाऊदयाल बिरज के राजा, 💧भंग पिए नित खाए खाजा
🍂नील वस्त्र  नित ही धर लीजे..

🍃जो कोई बल की आरती गावे, 💧निश्चित कृष्ण चरण रज पावे।

 🍂बुद्धि,भक्ति 'गिरि'
         नित  नित लीजे.....

💧बलदाऊ जी की आरती कीजे

 🙏🏻जय श्री राधारमण🙏🏻
 🌟🙌🏻जय निताई🙌🏻🌟

✏....लेखकः-
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन

🌞प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू

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