Sunday, 6 December 2015

📚🍵 ब्रज की खिचड़ी 🍵📚

🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

💐श्रीराधारमणो विजयते 💐

       क्रम संख्या 1⃣7⃣

   🌿भक्त चार प्रकार के🌿

✔🍁 आर्त-  जो अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए भक्ति करते हैं ।

✔🍁जिज्ञासु - जो कृष्ण को जानने के लिए । केवल जानकारी के लिए भक्ति करते हैं ।

✔🍁अर्थार्थी- जो अर्थ,  यश,  पुत्र,  व्यापार या किसी लौकिक कामना के लिए भक्ति करते हैं ।

✔🍁ज्ञानी - जो कृष्ण की प्रीति,  उनकी अनुकूलतामयी सेवा या ये कहिए की भक्ति के लिए भक्ति करते हैं,

न कोई कामना,  ना दुख की निवृत्ति -  ये विशुद्ध भक्त  है ।

📗अनपढ़ से चार क्लास पढ़ा होना अच्छा है,

अभक्त से कोई भी भक्त होना अच्छा है ।लेकिन क्लास आगे और भी है चलते रहिए।

🌿🌿श्रद्धा 🌿🌿

📃श्री कृष्ण - प्रेम प्राप्त करने की प्रथम सीढ़ी है।  श्रद्धा अनेक प्रकार की है । श्रद्धा का वर्णन शास्त्रों में मिलता ।

🙌  श्रीकृष्ण की पूजा करने से समस्त देवताओं की पूजा हो जाती है,  किसी और की पूजा की कोई आवश्यकता ही नहीं रह जाती ।

जैसे पेड़ की जड़ में जल देने से उस पेड़ का तना, शाखा, फूल, फल सब तृप्त हो जाते हैं , सब को अलग अलग जल देने की जरूरत नहीं है ।

🙏ऐसी यह श्रद्धा ही कृष्ण प्रेम भक्ति प्राप्ति की प्रथम सीढ़ी है।  इस श्रद्धा के बाद-  साधु संग भजन करना, अनर्थों  की समाप्ति, निष्ठा,  रुचि, आसक्ति, भाव एवं अंत में प्रेम की प्राप्ति हो जाती है।

 🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻

लेखकः-
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।

🌞प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू

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