Tuesday, 1 December 2015

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🍒 ब्रज की खिचड़ी🍒
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🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

💐श्री  राधारमणो विजयते 💐

क्रम संख्या 3

🌿🌿 अहंकार या नाखून 🌿🌿

🌻सृष्टि की शुरआत होती है महतत्व से । महत्तत्व से अहंकार की उत्पति होती है।तामस, राजस और सात्विक तीन प्रकार का होता है अहंकार । ये सृष्टि का मूल तत्व है।  
 🐾 बहुत गूढ़ विषय है। मोटा माटी में समझ ले कि अहंकार हमारे "नाखून" की भांति है । ये एक सीमा तक रहे और हमारी रक्षा करता रहे, जब ये अपनी सीमाओं को तोड़ कर आगे बड़े, नाखून की भांति इसे भी कुतरते रहो।

🌵 अहंकार का होना हानिकारक नही है, इसे काटना नही और बढ़ते देते रहना हानिकारक है।

क्रमशः
 🌺जय राधा रमन

 🌺जय निताई


लेखकः
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन

प्रस्तुति । श्रीलाडलीप्रियनीरू

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