🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶
🍒 ब्रज की खिचड़ी🍒
🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻
💐श्री राधारमणो विजयते 💐
क्रम संख्या 3
🌿🌿 अहंकार या नाखून 🌿🌿
🌻सृष्टि की शुरआत होती है महतत्व से । महत्तत्व से अहंकार की उत्पति होती है।तामस, राजस और सात्विक तीन प्रकार का होता है अहंकार । ये सृष्टि का मूल तत्व है।
🐾 बहुत गूढ़ विषय है। मोटा माटी में समझ ले कि अहंकार हमारे "नाखून" की भांति है । ये एक सीमा तक रहे और हमारी रक्षा करता रहे, जब ये अपनी सीमाओं को तोड़ कर आगे बड़े, नाखून की भांति इसे भी कुतरते रहो।
🌵 अहंकार का होना हानिकारक नही है, इसे काटना नही और बढ़ते देते रहना हानिकारक है।
क्रमशः
🌺जय राधा रमन
🌺जय निताई
लेखकः
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन
प्रस्तुति । श्रीलाडलीप्रियनीरू
🍒 ब्रज की खिचड़ी🍒
🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻
💐श्री राधारमणो विजयते 💐
क्रम संख्या 3
🌿🌿 अहंकार या नाखून 🌿🌿
🌻सृष्टि की शुरआत होती है महतत्व से । महत्तत्व से अहंकार की उत्पति होती है।तामस, राजस और सात्विक तीन प्रकार का होता है अहंकार । ये सृष्टि का मूल तत्व है।
🐾 बहुत गूढ़ विषय है। मोटा माटी में समझ ले कि अहंकार हमारे "नाखून" की भांति है । ये एक सीमा तक रहे और हमारी रक्षा करता रहे, जब ये अपनी सीमाओं को तोड़ कर आगे बड़े, नाखून की भांति इसे भी कुतरते रहो।
🌵 अहंकार का होना हानिकारक नही है, इसे काटना नही और बढ़ते देते रहना हानिकारक है।
क्रमशः
🌺जय राधा रमन
🌺जय निताई
लेखकः
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन
प्रस्तुति । श्रीलाडलीप्रियनीरू
No comments:
Post a Comment