Thursday, 17 December 2015

[17:44, 12/16/2015] Dasabhas DrGiriraj Nangia: 🌿🌷﹏*))★((*﹏🌷🌿

     1⃣6⃣*1⃣2⃣*1⃣5⃣
   
           बुधवार  मार्गशीर्ष
           शुक्लपक्ष पंचमी

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         ◆🌿जयनिताई🌿◆  
      •🌷गौरांग महाप्रभु 🌷•
        ◆🌿 श्री चैतन्य 🌿◆
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            ❗चोर उद्धार❗

🌿    एक दिन संध्याकाल में एक चोर ही इन्हें कंधे पर बैठाकर चल दिया lइन्होंने आभूषण पहन रखे थे l आज बड़ा आनंद ले रहे थे बाल गौरांग l अनेक देर घूमता रहा चोर किन्तु घूमफिर कर फिर इनके घर के दरवाजे पर आ पहुँचा l

🌿   ऐसा अंधा हो गया कि नगर से बाहर जंगल में जा ही  न  सका lप्रभु की महिमा को वो जान गया और उसने चोरी का पेशा छोड़कर भगवान की भक्ति करना आरम्भ कर दिया l

🌿   उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदासजी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l

                         ✏ मालिनी
 
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        •🌷सुप्रभात🌷•
   🌿श्री कृष्णायसमर्पणं🌿
     🌷जैश्रीराधेश्याम🌷•
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गीताप्रेस ने बहुत ही
प्रशंसनीय ग्रन्थ सेवा की है ।प्रणम्य है निश्चित ही ।

विदित हो की गीताप्रेस पर शैव मत । मायावाद का प्रभाव रहा है

ग्रंथो के अनुवादक सन्यासी मायावादी रहे हैं । उन्होंने अपने मत का पोषण किया है जो स्वाभाविक ही है ।

इसलिए सिद्धांत के अपर लेवल पर वैष्णव जन गीताप्रेस के अनुवाद को मान्यता नही देते हैं

वैष्णव मान्यता और मायावाद की मान्यता व सिद्धांत में अंतर ह

जय श्री राधे

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