Saturday, 30 July 2016

सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर भाग 22

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सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
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 🔮 भाग 22

💡 दुष्ट व्यक्ति ईमानदार है
वह अपनी दुष्टता
कभी नहीं छोड़ता
ऐसे ही
सज्जन व्यक्ति को भी
अपनी सज्जनता
छोड़नी नहीं चाहिए

💡 भक्ति : सबसे कठिन
यदि वह श्री कृष्ण प्रेम प्राप्ति
के लिए की जाए
भक्ति : सबसे सरल
यदि वह पलायन अथवा
दिखावे के लिए की जाए

💡 साईं इतना दीजिए
जामे कुटुम्ब समाय
मैं भी भूखा ना रहूं
साधु न भूखा जाए
हे प्रभु बस इतना ध्यान दीजिए जिसमें मेरे
परिवार का पालन पोषण हो जाए और
यदि कोई साधु द्वार पर आ जाए तो वह
भी भूखा ना जाए। अतः धन की कामना
सिमित रखे. अत्याधिक धन सब अनर्थो
की जड़ है और भयंकर उत्पातकारी है.

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚

🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया 
LBW - Lives Born Works at vrindabn



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