Sunday, 17 July 2016

श्री गुरुदेव श्री गुरुदेव


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श्री गुरुदेव श्री गुरुदेव

🙏शरी गुरु पूर्णिमा दो एक दिन में आने को है । गुरू पूर्णिमा के दिन हम सभी श्री गुरुदेव का पूजन करते हैं । गुरुदेव हमें तो एक शरीर में दिखते हैं लेकिन गुरु वास्तव में एक तत्व है ।

🐿🐿🐿भगवान कृष्ण की तीन शक्तियां हैं आल्हादनी शक्ति श्री राधा । ज्ञान शक्ति श्री गुरु । जिसे संवित कहते हैं । और धाम शक्ति श्री वृंदावन जिसे सन्धिनी कहते हैं ।

🌹शक्ति और शक्तिमान में भेद होता है अभेद भी होता भी है जो अचिंत्य होता है । जैसे गुलाब के बिना गुलाब की खुशबू नहीं आ सकती और खुशबू गुलाब भी नहीं है । खुशबू खुशबू ह । गुलाब गुलाब है


🙏अस्तु श्री गुरुदेव श्री भगवान की एक शक्ति है वह शक्ति परंपरा से हमारे द्वारा पूजित श्री गुरुदेव में विराजमान हो जाती है । हम गुरुदेव की पूजा तो रोज चित्रपट स्वरुप में करते ही हैं

💎 आज के दिन व्यास जयंती भी होती है और व्यास जी ने समस्त शास्त्र पुराणों की रचना की। वेदों का भाग किया इसलिए वह आदि गुरु माने गए हैं । गुरु पूर्णिमा के दिन श्री व्यास जी की। अपने संप्रदाय आचार्य की और श्री गुरुदेव की तीनों की सम्मिलित पूजा करनी चाहिए ।

👣गरुदेव यदि विराजमान हो तो यथासंभव उनके स्थान पर जाकर उनको चंदन लगाना चाहिए । उनके मस्तक पर तुलसीदल अर्पण करना चाहिए । उनके चरण प्रक्षालन करके चरणामृत पान करना चाहिए उनको पुष्पमाला देनी चाहिए ठाकुर की प्रसादी  ।और यथासंभव फल-फूल वस्त्र अथवा जो भी स्वर्ण आदि अपनी सामर्थ्य के अनुसार उनको प्रदान करना चाहिए

🌳यदि श्री गुरुदेव विराजमान नहीं है तो घर में ही उनके चित्रपट को एक विशेष चौकी पर विराजमान करके उनकी विशेष श्रद्धा सहित इसी क्रम से सेवा पूजा से  करनी चाहिए

🙇गरुदेव का शरीर भले ही चला गया हो लेकिन वे श्रीकृष्ण की ज्ञान शक्ति के रूप में दीक्षा मंत्र के रूप में सदा आपके साथ तत्व रूप में रहते ही हैं कुछ कुछ ऐसा मानिये जैसे गंगा जल और बहती हुई गंगा  । बहती हुई गंगा तो श्रीकृष्ण हैं और लोटे में भरा हुआ जल उनकी शक्ति श्री गुरुदेव है । लोटे का जल समाप्त होने पर पुनः गंगा जी से भरा जा सकता है । और श्री कृष्ण जगद्गुरु है गुरुदेव भी अंततः श्री कृष्ण की ही कृपा प्राप्त करवातेे हैं ।अतः यथासंभव श्री गुरुदेव का पूजन करना ही चाहिए

🌷🌷गौड़ीय सम्प्रदाय में गुरु पूर्णिमा🌷🌷

गौड़ीय संप्रदाय में गुरु पूर्णिमा के दिन गौड़ीय संप्रदाय के वरिष्ठतम आचार्य श्री सनातन गोस्वामी पाद का तिरोभाव हुआ था और ब्रिज के समस्त संप्रदायों के वैष्णवों ने सनातन गोस्वामी के तिरोभाव के अवसर पर अपने बाल दिए थे

👶मस्तक को मुंडवाया था बृज में यह गुरु पूर्णिमा मुड़िया पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है

♨️और गौडीय वैष्णव आज के दिन सनातन गोस्वामी पाद की पूजा करते हैं विशेष पूजा करते हैं और अति श्रद्धालु जन तो आज अपना मस्तक भी मुंडन करा लेते हैं

👶👶👶👶राधा कुंड के 80% वैष्णव आज सिर मुड़वाते ही हैं गौड़ीय संप्रदाय में गुरु पूर्णिमा का महत्व श्री सनातन गोस्वामी के तिरोभाव होने के कारण और भी बढ़ जाता है

🔵गरु पूर्णिमा में गुरु का पूजन और गौड़ीय गोस्वामियों के गुरु स्वरूप विराजमान वरिष्ठतम श्री सनातन गोस्वामी का तिरोभाव महोत्सव ऐसे हो जाता है जैसे सोने में सुहागा

🍉🍉अतः आज का दिन गौड़ीय वैष्णवों के साथ-साथ प्रत्येक वैष्णव के लिए बहुत ही पवित्र बहुत ही आनंद दायक बहुत ही पथ प्रशस्तकारी है

🎈🎈🎈अवश्य ही चेष्टा पूर्वक श्री सनातन गोस्वामी पाद या अपने संप्रदाय के आचार्य की और श्री गुरुदेव की पूजा प्राण पणसे हजार काम छोड़ कर भी हमें करनी ही चाहिए

समस्त वैष्णवजन को मेरा सादर प्रणाम

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚


🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया 
LBW - Lives Born Works at vrindabn


श्री गुरुदेव श्री गुरुदेव सनातन गोस्वामी


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