🚩🚩 रथयात्रा 🚩🚩
🏺🏺आज पुरी में श्री जगन्नाथ देव जू की रथयात्रा है । पुरी में जहां पर श्री जगन्नाथ जी विराजते हैं उस मंदिर में वैष्णवों का ऐसा भाव है कि
⚱⚱यहां यह द्वारिका में विराजमान है । एक बात और बताता चलूँ कि जगन्नाथ मंदिर में चार विग्रह है ।
⚙एक सुदर्शन है
☝️एक श्री कृष्ण है
🤘मध्य में सुभद्रा है कृष्ण बलराम की बहन औ
🖕दसरी साइड में बलराम
कृष्ण सुभद्रा बलराम और सुदर्शन इन चारों को जगन्नाथ कहा जाता है
💧💧यदि हम यह बोलते हैं कि जगन्नाथ जी कृपा करें । इसका भावहै कि यह चारों हम पर कृपा करें
👩👩👧👦 यदि यह बोला जाए कि जगन्नाथ जी की रथयात्रा आज है इसका अर्थ इन चारों की रथयात्रा है
🙇इस प्रकार आज जगन्नाथ जी की रथयात्रा है और वैष्णवों का भाव यह रहता है कि आज के दिन यह दोनों भाई और सुभद्रा के रक्षक के रुप में सुदर्शन चारों ब्रज में जाते हैं ब्रजवासियों से मिलने
🌳🌳 गडिचा को ब्रज का प्रतीक माना गया है यहां से यात्रा करके यह ब्रज में जाते हैं वहां ब्रिज वासियों श्री राधा आदि गोपिगन से मिलते हैं
🐎🐎दस बारह दिन वहां रहते हैं और वहां से दस बारह दिन के बाद वापिस द्वारका अर्थात मुख्य मन्दिर में आ जाते हैं
💂💂रथ यात्रा में अंतर्निहित यह भाव वैष्णवों का रहता है और बाह्य भाव तो अनेक ही है । बाह्य कारण में भी एक जो विशेष कारण है वह यह है कि
🕵🕵 मदिर में हिंदुओं के अतिरिक्त किसी का भी प्रवेश नहीं है और ठाकुर का नाम है जगन्नाथ । तो यह अपने नाम को सिद्ध करते हुए आज खुली सड़क पर यात्रा में पधारते हैं जिससे सभी जाति वर्ग के लोग इनका वर्ष में कम से कम एक बार दर्शन करके आनंदित हो सके और उनका जगन्नाथ नाम सार्थक हो सके
🚶🚶🚶आज प्रभु की इस दिव्य ब्रज आगमन लीला का चिंतन करते हुए ठाकुर के इस उत्सव को हमारा शत शत प्रणाम ।
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
📢 ट्विटर पर : https://twitter.com/dasabhas_vbn
🏺🏺आज पुरी में श्री जगन्नाथ देव जू की रथयात्रा है । पुरी में जहां पर श्री जगन्नाथ जी विराजते हैं उस मंदिर में वैष्णवों का ऐसा भाव है कि
⚱⚱यहां यह द्वारिका में विराजमान है । एक बात और बताता चलूँ कि जगन्नाथ मंदिर में चार विग्रह है ।
⚙एक सुदर्शन है
☝️एक श्री कृष्ण है
🤘मध्य में सुभद्रा है कृष्ण बलराम की बहन औ
🖕दसरी साइड में बलराम
कृष्ण सुभद्रा बलराम और सुदर्शन इन चारों को जगन्नाथ कहा जाता है
💧💧यदि हम यह बोलते हैं कि जगन्नाथ जी कृपा करें । इसका भावहै कि यह चारों हम पर कृपा करें
👩👩👧👦 यदि यह बोला जाए कि जगन्नाथ जी की रथयात्रा आज है इसका अर्थ इन चारों की रथयात्रा है
🙇इस प्रकार आज जगन्नाथ जी की रथयात्रा है और वैष्णवों का भाव यह रहता है कि आज के दिन यह दोनों भाई और सुभद्रा के रक्षक के रुप में सुदर्शन चारों ब्रज में जाते हैं ब्रजवासियों से मिलने
🌳🌳 गडिचा को ब्रज का प्रतीक माना गया है यहां से यात्रा करके यह ब्रज में जाते हैं वहां ब्रिज वासियों श्री राधा आदि गोपिगन से मिलते हैं
🐎🐎दस बारह दिन वहां रहते हैं और वहां से दस बारह दिन के बाद वापिस द्वारका अर्थात मुख्य मन्दिर में आ जाते हैं
💂💂रथ यात्रा में अंतर्निहित यह भाव वैष्णवों का रहता है और बाह्य भाव तो अनेक ही है । बाह्य कारण में भी एक जो विशेष कारण है वह यह है कि
🕵🕵 मदिर में हिंदुओं के अतिरिक्त किसी का भी प्रवेश नहीं है और ठाकुर का नाम है जगन्नाथ । तो यह अपने नाम को सिद्ध करते हुए आज खुली सड़क पर यात्रा में पधारते हैं जिससे सभी जाति वर्ग के लोग इनका वर्ष में कम से कम एक बार दर्शन करके आनंदित हो सके और उनका जगन्नाथ नाम सार्थक हो सके
🚶🚶🚶आज प्रभु की इस दिव्य ब्रज आगमन लीला का चिंतन करते हुए ठाकुर के इस उत्सव को हमारा शत शत प्रणाम ।
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
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