एकादशी यानी क्या ???
कुछ चीजो को खाना और कुछ चीजो को न खाना एकादशी की पहली क्लास है
एकादशी के लौकिक और पारमार्थिक दो तरह के फल हैं
लौकिक फल एकादशी की कथा में वर्णित है
पारमार्थिक फल है की एकादशी प्रभु-प्रेम प्राप्त कराती है
एकादशी के दिन को 'हरिवासर' भी कहते हैं=यानी 'हरि का दिन'
इस दिन कोशिश करके अपना अधिक से अधिक समय,
प्राथमिकताएं, चेष्टा
श्री हरि के लिए समर्पित होनी चाहिए,
रात्री-जाग कर नाम जप या संकीर्तन करना चाहिए
और ये सब सहजता से हो सके इसलिए परम सात्विक
फल, फूल, कंद, मूल का शरीर रक्षा
को ध्यान में रखकर कम मात्रा में खाना चाहिए, जिससे विकार न हो.
यदि हम 'खाने न खाने' को ही एकादशी माने हुए हैं, तो ठीक है,
लेकिन इससे आगे
बहुत कुछ और भी है, आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए
एक ही क्लास में कितने दिन रुके रहेंगे हम ???????
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
bahut achchhalikha hai
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