Thursday, 6 October 2011

98. आठवां नामापराध

✅   आठवां नामापराध   ✅  


▶ शास्त्र में दस नामापराध कहे गए हैं, उनमे आठवा है-
▶ ८. जो लोग विमुख है, या उपदेश को मानते नहीं है, उन्हें उपदेश देना भी एक अपराध है
▶ प्रश्न है की जो जानता है या मानता है, उसे तो उपदेश की ज़रुरत ही नहीं है
▶ श्री सनातन गोस्वामी ने समाधान किया है की-
▶ उपदेश देना तो है, लेकिन ज़बरदस्ती नहीं करनी है,
▶ यदि मानता है तो, उसे और बताते जाओ, नहीं मानता तो बहस मत करो
▶ चुपचाप निकल लो , ज़बरदस्ती करने से , वह निंदा रूपी अपराध में फास्ता जाएगा
▶ और उसका कल्याण होने की बजाय अहित हो जाएगा.
▶ और वह जो निंदा करेगा - हम सुनेंगे तो हमें भी निंदाश्रवण का अपराध लगेगा


🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚



 🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया  
LBW - Lives Born Works at vrindabn

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