Thursday 6 October 2011

96. राम - रावण

✅   राम – रावण   ✅  
▶ जब-जब कृष्ण आते हैं, कंस भी आता है
▶ राम आते हैं, रावण भी आता है
▶ यह सहज है, सिस्टम है, कोई मजबूरी नहीं
▶ राम आये, रावण आया
▶ रावण मारा गया, राम साकेत धाम चले गए
▶ लेकिन आत्मा रूप में, तत्त्व रूप में
▶ राम हमारे शरीर में आज भी हैं, सदैव रहेंगे,
▶ यहाँ भी राम अकेले नहीं हैं, रावण उनके साथ -साथ है :
▶ हमारे शरीर में क्रोध, अहंकार, मद, मोह, लोभ आदि दस रूपों में
▶ आज शायद  हमने राम को दबा रखा है
▶ रावण हमारे ऊपर हावी है
▶ आज विजय दशमी के दिन  हम प्रयास करें की हमारे अन्दर का राम
▶ विजयी हो, और रावण मारा जाय
▶ और रावण मारा भी जाएगा, क्योंकि इतिहास गवाह है की
▶ रावण तो कल भी और आज भी बनता ही मरने के लिए है
▶ बनता ही मरने के लिए है !!!!!!!!!!!!



 🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया  
LBW - Lives Born Works at vrindabn

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