Saturday, 1 October 2011

90. ishwar jeev maayaa


✅  ईश्वर जीव माया  ✅ 

▶ ईश्वर

▶ जीव

▶ माया

▶ ये तीनो अनादी हैं, इनका अंत भी नहीं होता

▶ लेकिन

▶ कर्म

▶ अनादी तो है,

▶ लेकिन इसका अंत हो जाता है.


🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚

🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚



🖊  लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया  
LBW - Lives Born Works at vrindabn

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