हमारे इस स्थूल शरीर से श्रेष्ठ हैं, बलवान हैं, सूक्ष्म हैं : 'दस इन्द्रियाँ'
इन्द्रियों से श्रेष्ठ, बलवान है 'मन'
मन से भी सूक्ष्म है, श्रेष्ठ है, बलवान है : 'बुद्धि'
और बुद्धि से श्रेष्ठ, बलवान, सूक्ष्म है : 'आत्मा'
आत्मा न तो वशीभूत हो सकती है, न आत्मा का प्रयोग किया जा सकता है
अतः आत्मा को छोड़ने पर 'बुद्धि' ही एक ऐसा तत्त्व है
जिसके द्वारा हम
मन को
मन के द्वारा
इन्द्रियों को जीत सकते हैं
इन्द्रियों को जीतने पर यह शरीर 'ऑटो-मोड' में आ जाता है
समस्त बढ़ा-व्याधियों, दुःख-सुख से ऊपर उठ जाता है
JAI SHRI RADHE

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