हमारे
आराध्य कौन - ब्रजेन्द्रनंदन भगवान् श्री कृष्ण
नारायण या वासुदेव या अन्य कोई भी स्वरुप नहीं
धाम कौन सा - श्रीवृन्दाबन
न मथुरा, न द्वारका, न अन्य
उपासना कैसी - ब्रजगोपियों के आनुगत्य में
स्वयं ब्रज गोपी या राधा नहीं , अपितु ब्रज गोपियों की दासी बन कर
प्रमाण क्या - श्रीमदभागवत
कोई भी शंका होने पर भागवत के अनुसार समाधान ही मानना है
पुरुषार्थ क्या - श्रीकृष्ण-प्रेम
न धर्म, न अर्थ, न काम, न मोक्ष, केवल और केवल कृष्ण-प्रेम ही जीवन का उद्देश्य है
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