Saturday 1 October 2011

88. सबसे श्रेष्ठ मार्ग मेरा

सबसे श्रेष्ठ मार्ग मेरा

✅  सबसे श्रेष्ठ मार्ग मेरा ✅ 

▶ अध्यात्म या धर्म के जिस मार्ग पर में चल रहा हूँ, वह ठीक तो है,

▶ लेकिन केवल यही मार्ग है और यही सर्व श्रेष्ठ है-

▶ ऐसा नहीं है,


▶ मार्ग और भी हैं, श्रेष्ठ भी हैं

▶ में जहाँ हु, लगा रहूँ और अपने दिल-दिमाग के रस्ते खुले रक्खूं

▶ तो श्रेष्ठता की और बढ़ता  रहूंगा ,

▶ अन्यथा मेरी प्रगति यहीं रुक जायेगी


🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚

🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚


🖊  लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया  
LBW - Lives Born Works at vrindabn

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