१. हलाहल विष - शिव ने पीया
२. कामधेनु - ऋषियों ने ली
३. उच्चैश्रवा घोड़ा - बलि ने लिया
४. ऐरावत हाथी - इन्द्र ने लिया
५. कौस्तुभ मणि - विष्णु ने ह्रदय पर धारण की
६. कल्पवृक्ष - स्वर्ग के नंदनवन में लगाया
७. अप्सराये - दिव्य वस्त्र पहने थीं, देव सभा में मनोरंजन हेतु
८. लक्ष्मी जी - ने श्रीविष्णु का वरन किया
९. वारुनी - कन्या रूप में - दैत्यों ने लिया
१०. अमृत-कलश सहित धन्वन्तरी - भाग दौड़ मच गयी अंततः देवताओं को मिला
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban
No comments:
Post a Comment