Tuesday, 28 June 2016

सूक्ष्म सूत्र गागर में सागर भाग 12

⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱
सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺

 🔮 भाग 12

💡 बाबा श्री नीमकरोरी जी से प्रभावित होकर
एक साधक ने कहा आप हमें शिष्य बना लो
वह बोले भैया  जब हम ही किसी के शिष्य
नहीं बने तो हम तुम्हें कैसे शिष्य बना लें
यह योग्यता तो हम में है  नहीं
और अत्यंत विनम्र भाव से शास्त्रीय
सिद्धांत उन्होंने प्रस्तुत किया
अतः सावधान! जिनके गुरु नहीं
उन्हें शिष्य बनाने का भी अधिकार नहीं।

💡 भगवान के विग्रह जहां स्थापित हो
उनकी विधिवत पूजा होनी चाहिए
इन्हें सजावट की तरह प्रयोग करना
बड़ा भारी अपराध है.
ऐसे ही जितना संभव हो सके
भगवान के चित्रों को
अनावश्यक प्रयोग न करें

💡 भगवान की सवारी आने पर
खड़े हो जाना चाहिए और
प्रणाम करना चाहिए. ऐसे ही
गुरूजन और अपने से श्रेष्ठजन
अथवा वैष्णवों के सम्मुख भी खड़े
हो जाना चाहिए और जब भी बैठ जाएं
तब बैठना चाहिए. ऐसा करने से
भक्ति में वृद्धि होती है.

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚



🖊  लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया 
LBW - Lives Born Works at vrindabn

💬 फेसबुक पर https://www.facebook.com/dasabhasgirirajnangia
💻 अधिकृत फेसबुक पेज : https://www.facebook.com/ShriHarinamPress
💻 अधिकृत ब्लॉग : http://www.shriharinam.blogspot.in
🖥 वेबसाइट : http://harinampress.com/
📽यूट्यूब चैनल  : https://www.youtube.com/channel/UCP1O_g-hYWlSJVkRiko0qwQ
🎤 वौइस् नोट्स : http://YourListen.com/Dasabhas


No comments:

Post a Comment