⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱
सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺
🔮 भाग 1
💡एक कथावाचक
संत भी हो,
विद्वान भी हो,
आचरणशील भी हो,
ऐसा संयोग
बहुत दुर्लभ
होता है |
💡एकादशी में अन्न का जो विचार है,
वह पाप पुण्य से सम्बन्धित है| और
भजन का जो विचार है, वह भक्ति से
सम्बन्धित है | जो केवल खाने
न खाने पर केन्द्रित है उन्हें
पाप पुण्य मिलेगा |
भक्ति तो भजन से ही मिलेगी |
💡 सृष्टि के
मूल महत्तव 23 है –
१ सात्विक अहंकार एवं इससे
२ इंद्र ३ विष्णु ४ यम ५ प्रजापति
६ अग्नि ७ र्क्ज्सिक अहंकार एवं इससे
८ हाथ ९ पैर १० गुदा ११ उपस्थ
१२ वाणी १३ नेत्र १४ कान
१५ नाक १६ जिह्वा १७ त्वचा
१८ तामसिक अहंकार एवं इससे
१९ आकाश २० वायु २१ जल
२२ अग्नि २३ पृथ्वी
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक: आदरणीय Dasabhas DrGiriraj Nangia जी
💻 अधिकृत फेसबुक पेज : https://www.facebook.com/ShriHarinamPress
💻 अधिकृत ब्लॉग : http://www.shriharinam.blogspot.in
🖥 वेबसाइट : http://harinampress.com/
🎤 वौइस् नोट्स : http://YourListen.com/Dasabhas
सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺
🔮 भाग 1
💡एक कथावाचक
संत भी हो,
विद्वान भी हो,
आचरणशील भी हो,
ऐसा संयोग
बहुत दुर्लभ
होता है |
💡एकादशी में अन्न का जो विचार है,
वह पाप पुण्य से सम्बन्धित है| और
भजन का जो विचार है, वह भक्ति से
सम्बन्धित है | जो केवल खाने
न खाने पर केन्द्रित है उन्हें
पाप पुण्य मिलेगा |
भक्ति तो भजन से ही मिलेगी |
💡 सृष्टि के
मूल महत्तव 23 है –
१ सात्विक अहंकार एवं इससे
२ इंद्र ३ विष्णु ४ यम ५ प्रजापति
६ अग्नि ७ र्क्ज्सिक अहंकार एवं इससे
८ हाथ ९ पैर १० गुदा ११ उपस्थ
१२ वाणी १३ नेत्र १४ कान
१५ नाक १६ जिह्वा १७ त्वचा
१८ तामसिक अहंकार एवं इससे
१९ आकाश २० वायु २१ जल
२२ अग्नि २३ पृथ्वी
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक: आदरणीय Dasabhas DrGiriraj Nangia जी
💻 अधिकृत फेसबुक पेज : https://www.facebook.com/ShriHarinamPress
💻 अधिकृत ब्लॉग : http://www.shriharinam.blogspot.in
🖥 वेबसाइट : http://harinampress.com/
🎤 वौइस् नोट्स : http://YourListen.com/Dasabhas
No comments:
Post a Comment