✅ भजनानंद या विषयानंद ✅
▶ एक है आत्मानंद या भजनानंद
▶ दूसरा है विषयानंद
▶ बाह्य में दोनों एक से हैं
▶ लेकिन अंतर है
▶ आजकल भजन । कथा । कीर्तन भी विषयानंद के लिए किये जा रहे हैं
▶ सुर संगीत रहित कीर्तन यदि हों तो हम नही जाते । कोई संगीत प्रधान अच्छे सुर म गा गया कर कथा कहे तो भागते हैं ।
▶ कथा का रस संगीत की अपेक्षा नही रखता । विषय का रस गीत संगीत स्वर की आकर्षण देखता है
▶ किसी की आलोचना नही । ये शास्त्रीय बात है । सूक्ष्म है । चिंतन करो तो समझ म आती ह ।
▶ ये अंतर विग्रह सेवा । भजन । आदि समस्त भक्ति अंगों पर लागू है
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
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