Monday, 20 June 2016

सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर भाग 7

⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱
सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺

 🔮 भाग 7

💡 दान देने मात्र से दान का
पुण्य मिलने वाला नही है.
योग्य व्यक्ति को दिया गया दान
नशेडी व् जुआ खेलने वाले व्यक्ति को दिया गया दान
मांस मदिरा सेवन करने वाले को दिया गया दान
भगवत भजन न करने वाले को दिया गया दान 
आवश्यकता न होने पर दिया गया दान
व्यर्थ है. बल्कि उसके पाप के कुछ अंश का
भागीदार दान देने वाला भी बनेगा. सावधान.

💡 यंहा तक की यदि किसी ने
मांसाहारी होटल के लिए
मकान या दुकान
किराये पर दिया है, तो उस
मकान मालिक
को भी पशु हत्या के पाप का
भागीदार निश्चित
बनना पड़ेगा.
यह अटल सत्य है.
   
💡 भक्ति एवं भजन का प्रदर्शन
करना अपराध है.
इसका प्रचार करने से इसमें कमी तो
आती ही है अहंकार भी पुष्ट होता है.
इसलिए जितना हो सके इसे
गोपन करना चाहिए.
वैष्णव लोग झोलीमाला में माला जपते
है तो उसको भी वस्त्र में छिपा कर रखते है.

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚



🖊  लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया 
LBW - Lives Born Works at vrindabn

💬 फेसबुक पर https://www.facebook.com/dasabhasgirirajnangia
💻 अधिकृत फेसबुक पेज : https://www.facebook.com/ShriHarinamPress
💻 अधिकृत ब्लॉग : http://www.shriharinam.blogspot.in
🖥 वेबसाइट : http://harinampress.com/
📽यूट्यूब चैनल  : https://www.youtube.com/channel/UCP1O_g-hYWlSJVkRiko0qwQ
🎤 वौइस् नोट्स : http://YourListen.com/Dasabhas

सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर भाग 7

No comments:

Post a Comment