श्री गणेशाय नमः
siddhi vinayak |
गणेश उत्सव का सभी को प्रणाम, जय श्री राधे
एक हैं - आदि गणेश
जो भगवान् श्री कृष्ण की एक शक्ति हैं
और उन्हीं के धाम में उनके द्वारपाल के रूप में
उनके धाम में
आने वाले समस्त विघ्नों
के नायक के रूप में विराजते हैं और विघ्नों को
कंट्रोल कर उन्हें धाम में प्रवेश नहीं करने देते -
'गणेश इव द्वारपालों'
दुसरे हैं शिव पुत्र.
आदि गणेश के नाम पर ही इनका नाम गणेश रखा गया
जैसे गिरिराज-गोवेर्धन के नाम पर मेरा नाम गिरिराज है.
और सभी के नाम भी भगवान् के नाम पर रखे जाते हैं ही,
जब शिव-पारवती का विवाह हुआ तो इन्ही आदि गणेश का
पूजन हुआ था, शिव पुत्र गणेश बाद में प्रकट हुए.
कर्मकांडी शिवपुत्र एवं वैष्णव आदि गणेश की पूजा करते हैं.
जय श्री राधे.
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