एक सज्जन आये और बोले -
दासाभास ! ये सब क्या उल्टा पुल्टा है ?
मैंने कहा - क्या ?
बोले -
६ दिन के बालक ने पूतना को कैसे मारा ? बोले
३ माह के बालक कृष्ण ने शकटासुर को कैसे मारा ?
१ साल के बालक कृष्ण ने त्रिनासुर को कैसे मारा ?
३ साल के बालक कृष्ण ने यमलार्जुन को कैसे उखाड़ा ?
६ साल के .... कालिया को कैसे नाथा ?
७ साल के .... गिरिराज को कैसे उठाया ?
ये सब क्या है ?
आपके ये धर्म - ग्रन्थ पब्लिक को पागल बनाते हैं ?
उल्टा सीधा सिखाते है ? असंभव बाते बताते हैं |
मैंने कहा - कृष्ण कोंन ? कैसा कृष्ण ? कहाँ का कृष्ण ?
कैसी पूतना ?, कैसा कालिया
कैसा असुर , कैसा गिरिराज ?
बोले - कमाल करते हो - श्रीमदभागवत में सब लिखा है |
मैंने कहा - लिखा होगा, इसमे क्या,
मैं तो श्रीमदभागवत को न तो जनता हूँ, न मानता हूँ |
बोले - लेकिन सब मानते हैं, मैं तो मानता हूँ |
मैं बोला - क्यों मानते हो ? कहाँ मानते हो ?
मानते होते तो मेरे पास क्यों आते ?
उसमें जो लिखा है,जितना तुम्हारी समझ में आता है, उतना मानते हो
जो समझ में नहीं आता, उसे उल्टा पुल्टा बताते हो |
मानते हो तो पूरा मानो
समझो
समझने की कोशिश करो
समझ नहीं आता तो उल्टी या पुल्टी बुद्धि तुम्हारी है |
न कृष्ण उल्टा है
न उसकी लीला, न कथा, न पूतनावध,
न गिरिराज, न कालिय दमन |
न श्रीमद भागवत
किसी ऐसे संत, सद्गुरु की शरण में जाओ
उसकी सेवा करो, उससे समझने की कोशिश करो
उलटा और पुल्टा को दिमाग से निकाल दो,
उनकी कृपा से सारा उलटा; सीधा हो जाएगा और पुल्टा की पुल्तस
से तम्हारे सारे घाव भर जायेंगे
फिर न उलटा होगा - न पुल्टा !!!!!!!!!!!!!
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
made to serve ; GOD thru Family n Humanity
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