जैसे पी-एच डी करने के लिए,
पहले
HIGHSCHOOL
INTER
B. A.
M. A.
करना ज़रूरी होता है,
उसी प्रकार 'भगवान सब में है' -यहाँ तक पहुँचने के लिए
इस वाक्य को, वाक्य से ऊपर उठाने के लिए
अपने जीवन में घटाने के लिए,
वास्तव में इसका अहसास, अनुभव पाने के लिए-
HIGHSCHOOL, INTER, B.A. M. A. की भांति
सिस्टम को फौलो करना पडेगा.
'आदौ श्रद्धा'
वाले क्रम को पकड़ना होगा, गुरु-मंत्र लेना होगा
भक्ति के ६४ अंगो का पालन करना होगा
परीक्षाएं देनी होंगी
संत, सद्गुरु कृपा से प्राप्त 'notes' को याद करके पास होना होगा
तब कहीं जाकर इस वाक्य को समझ भी पाओगे
'सबमे भगवान हैं'-
यह केवल कहोगे नहीं,
देखोगे,और लोगों को दिखाओगे,
भगवान को रिझाओगे,
जियोगे, जिलाओगे, राग-द्वेष से ऊपर उठ जाओगे
वरना तो खाली कहना है,
राग-द्वेष तो हमारा फ़र्ज़ है, कहने में क्या हर्ज़ है.
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban
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