सलाह
वह होती है, जो दूसरे की इच्छा पर है -
माने या न माने.
आदेश
वह होता है जिसे दूसरा
मानने के लिए बाध्य होता है
आदेश सदैव वहाँ दिया जाना
चाहिए, जहाँ आपको आदेश देने का अधिकार हो,
फिर भी
आदेश हो या सलाह
देकर छूट जाइये , उसे अपने स्वाभिमान
से मत जोडिए , कोइ माने तो ठीक,
न माने तो ठीक,
-सदैव मस्त रहेंगे आप !!!!!!
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