Friday, 23 September 2011

78. BARSAANAA

बरसाना




आप कहाँ विराजते हं महाराज ?

श्री गोस्वामी बालक जी ने लिखा-
'हम उस बरसाने से हैं
जहां की किशोरी जू के
आपके ठाकुर चरण दबाते हैं.' 

शिव भी जिसकी रासलीला के दर्शन हेतु
गोपी वेश धराते हैं, 'गोपेश्वर' कहलाते हैं 

में धन्य हुया,
जय जय 
जय श्री राधे, हमारी प्यारी राधे

No comments:

Post a Comment