Tuesday, 27 September 2011

85. भक्ति ३ प्रकार की


. भक्ति ३ प्रकार की

✅  भक्ति ३ प्रकार की ✅ 


१. आरोप सिद्धा

▶ भक्ति करने में सहायक,

▶ जैसे बिहारी जी मंदिर वाली गली में जाना

▶ दर्शन में सहायक है, और यदि गली में ही घूमते रहो


▶ तो यह शुद्ध भक्ति नहीं है. जैसे स्वधर्म-आचरण.


२. संग सिद्धा

▶ जैसे एक भक्त ठाकुर के लिए प्रसाद बना रहा है

▶ उसका साथ देना-सहयोग करना. कोई अकेला वृन्दाबन

▶ जाने में कतरा रहा है,उसके साथ जाना.


३. स्वरुप सिद्धा

▶ जो खुद अपने आप में भक्ति हो,

▶ जैसे नाम-संकीर्तन, श्रवन, स्मरण, गुण-लीला कीर्तन

▶ आदि भक्ति के ६४ अंग.

JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban

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