Tuesday 6 September 2011

47. radha ji ka vansh

  1. एक थे राजा न्रिग , इन्के पुत्र थे- सुचंद्र.
  2. पितरों में श्रेष्ठ थे अर्यमा - इन्होंने मन से तीन कन्याओं को उत्पन्न किया 
  3. तीन में से एक 'कलावती' सुचंद्र की पत्नी हुइ 
  4. दूसरी मेनका हिमालय की पत्नी बनि, जिसse  'पार्वती' क जन्म हुआ
  5. तीसरी रत्नामाला जनक की पत्नी हुइ , जो सीता की माँ हैं
  6. सुचंद्र  ही सुर्भानु के पुत्र वृश्भानु बने और
  7. कलावती कन्नौज के राजा भलान्दन के यज्ञ कुन्द से कीर्तिदा के रुप मे उत्पन्न हुइ 
  8. सुचंद्र-कलावती या वृश्भानु-कीर्तिदा की पुत्री बनि हमारी श्री राधा प्यारी 
  9. रावल ग्राम मे सरोवर मे बहते आए एक कमल पर सुक्ष्म रुप मे आपको प्राप्त हुइ
  10. और देखते ही देखते स्वाभाविक रुप में आगई - हमारी स्वामिनी-श्री राधा .
  11. जे श्री राधे.

No comments:

Post a Comment