Sunday 11 September 2016

बल बुद्धि विद्या

✔  *बल बुद्धि विद्या*    ✔

▶ सामर्थ्य या उपलब्धि या कुछ पाने के लिए या जीवन म कुछ बनने के लिए तीन विधा हैं

1। बल
अर्थात परिश्रम । मेहनत ।
यदि अपने सम्पूर्ण बल से कोई लग जाय तो वह स्फलता प्राप्त कर लेता है

2। बुद्धि
अर्थात । विचार द्वारा  । सोच द्वारा । योजना द्वारा भी अपेक्षाकृत कम परिश्रम करके भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता ह ।

▶ कम्पनियों म पालिसी मेकर इसी श्रेणी के होते हैं
व् खुद नही भागते हैं । उनकी बुद्धि भागती है ।

3। विद्या
का सामान्य अर्थ ह शिक्षा । लेकिन यहाँ है । विशेष योग्यता यानी प्रोफ़ेस्सिनल्स । जेसे डॉक्टर । वकील । कोई एक्सपर्ट । जो अपने हुनर म माहिर होता है ।

▶ तुलसीदास जी ने हनुमान जी से तीनो ही मांगे हैं

बल बुद्धि विद्या देहु मोहि
करहु क्लेश विकार ।

▶ अर्थात हे हनुमान जी । आप मुझे ये तीनो विधा प्रदान करो , जिससे म बल से, बुद्धि से, विद्या से अपने प्रभु राम की सेवा में आपकी भांति लगा रहूँ ।

▶ विदित हो कि हनुमान जी म
बल
बुद्धि
विद्या
तीनों ही अनलिमिटेड मात्रा में हैं और इनका प्रयोग वे श्री राम सेवा म करते हैं ।

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚

🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn

बल बुद्धि विद्या

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