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सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
भाग 26
पाप करने से दुःख और
पूण्य करने से सुख
मिलेगा. किन्तु भक्ति
करने से भक्ति मिलेगी
और अगले जन्म में
भक्ति की अगली कक्षा में
प्रवेश मिलेगा.
जैसे Start से Started
ऐसे ही प्रारम्भ से प्रारब्ध
प्रारब्ध माने Started
जिन अच्छे-बुरे
कर्मो का फल भोगना
हमने प्रारम्भ कर दिया हैब
वे हैं प्रारब्ध कर्म.
यदि आप अपनी बात को
दुसरो के नाम से
प्रस्तुत करते है तो
समझना चाहिए कि
आप के अंदर
आत्मविश्वास
का अभाव हैं.
॥ जय श्री राधे ॥
॥ जय निताई ॥
लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn

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