*श्री कृष्ण जन्माष्टमी*
▶इस बार 25 अगस्त को यह उत्सव है।श्री कृष्ण का जन्म नहीं है। जन्मदिन है 5242वां।
▶आज के दिन श्री कृष्ण विग्रह या घर में विराजमान ठाकुर का पंचामृत आदि द्वारा अभिषेक किया जाता है।
▶विशेष भोगराग होता है। उत्सव होता है। व्रत होता है आदि आदि। दूसरे दिन नंद महोत्सव के रूप में बधाई गायन, खूब खीर पूरी पकवान आदि का भोग एवं आनंद महोत्सव होता है।
▶जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने की भी परम्परा है।कुछ वैष्णव तो अभिषेक से पूर्व तक व्रत रखते हैं अर्थात अन्न या जल भी ग्रहण नहीं करते हैं और अभिषेक के पंचामृत को लेकर व्रत को विश्राम दे देते हैं।
▶कुछ वैष्णव जन *एकादशी की तरह पूरे दिन व्रत रखते हैं* और यदि शरीर रक्षा हेतु खाना भी पडे तो एकादशी की भांति फलाहार करते हैं दूसरे दिन इस व्रत का पारण भी होता है।
▶ *इस बार 25 तारीख को जो व्रत रखा जाएगा उस का पारण 26 तारीख को दोपहर 2:02 के बाद में होगा।*
▶अर्थात 26 तारीख को 2:02 से पहले अन्न नहीं खाना है फलाहार ही करना है। और नंद महोत्सव का भी अन्न प्रसाद नहीं लेना है।
▶कुछ वैष्णव दिन में अभिषेक के पंचामृत से और कुछ वैष्णव रात्रि के अभिषेक के पंचामृत से व्रत का पारण करेंगे।
▶पंचामृत एवं अभिषेक की विधि अनेक बार सभी ग्रुपों में प्रकाशित हो रही है उसी के अनुसार अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक दो बार नहीं होगा या तो सुबह होगा या फिर रात्रि 12:00 बजे होगा।
*तीन विकल्प हैं*
1⃣ *दिन में कभी भी अभिषेक करें। अभिषेक तक निर्जल रहें। अभिषेक के पंचामृत से व्रत विश्राम।*
2⃣ दिन भर फलाहार व्रत करें। रात्रि में 12 बजे अभिषेक करें। पंचामृत से व्रत को विश्राम दें।
3⃣कभी भी अभिषेक करें। पूरा दिन 25 का एवम् 26 के 2।02 तक व्रत करे। 2।02 बजे पारण करें।
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
▶इस बार 25 अगस्त को यह उत्सव है।श्री कृष्ण का जन्म नहीं है। जन्मदिन है 5242वां।
▶आज के दिन श्री कृष्ण विग्रह या घर में विराजमान ठाकुर का पंचामृत आदि द्वारा अभिषेक किया जाता है।
▶विशेष भोगराग होता है। उत्सव होता है। व्रत होता है आदि आदि। दूसरे दिन नंद महोत्सव के रूप में बधाई गायन, खूब खीर पूरी पकवान आदि का भोग एवं आनंद महोत्सव होता है।
▶जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने की भी परम्परा है।कुछ वैष्णव तो अभिषेक से पूर्व तक व्रत रखते हैं अर्थात अन्न या जल भी ग्रहण नहीं करते हैं और अभिषेक के पंचामृत को लेकर व्रत को विश्राम दे देते हैं।
▶कुछ वैष्णव जन *एकादशी की तरह पूरे दिन व्रत रखते हैं* और यदि शरीर रक्षा हेतु खाना भी पडे तो एकादशी की भांति फलाहार करते हैं दूसरे दिन इस व्रत का पारण भी होता है।
▶ *इस बार 25 तारीख को जो व्रत रखा जाएगा उस का पारण 26 तारीख को दोपहर 2:02 के बाद में होगा।*
▶अर्थात 26 तारीख को 2:02 से पहले अन्न नहीं खाना है फलाहार ही करना है। और नंद महोत्सव का भी अन्न प्रसाद नहीं लेना है।
▶कुछ वैष्णव दिन में अभिषेक के पंचामृत से और कुछ वैष्णव रात्रि के अभिषेक के पंचामृत से व्रत का पारण करेंगे।
▶पंचामृत एवं अभिषेक की विधि अनेक बार सभी ग्रुपों में प्रकाशित हो रही है उसी के अनुसार अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक दो बार नहीं होगा या तो सुबह होगा या फिर रात्रि 12:00 बजे होगा।
*तीन विकल्प हैं*
1⃣ *दिन में कभी भी अभिषेक करें। अभिषेक तक निर्जल रहें। अभिषेक के पंचामृत से व्रत विश्राम।*
2⃣ दिन भर फलाहार व्रत करें। रात्रि में 12 बजे अभिषेक करें। पंचामृत से व्रत को विश्राम दें।
3⃣कभी भी अभिषेक करें। पूरा दिन 25 का एवम् 26 के 2।02 तक व्रत करे। 2।02 बजे पारण करें।
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
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