✔ *एक वैष्णव नित्य कृष्णदास* ✔
➡ एक वैष्णव
यदि
उसे अपना
नित्य कृष्णदास
स्वरूप याद
रहता है तो
➡ वह
आशीर्वाद कैसे
दे सकता है
➡वो तो दास है
यदि देता है तो
वह भूल गया है
वैष्णव तो सदा
यही कहता है
प्रभु तुम पर कृपा
करें ।
➡ क्या सोचते हैं
आप
➡ एक वैष्णव
यदि
उसे अपना
नित्य कृष्णदास
स्वरूप याद
रहता है तो
➡ वह
आशीर्वाद कैसे
दे सकता है
➡वो तो दास है
यदि देता है तो
वह भूल गया है
वैष्णव तो सदा
यही कहता है
प्रभु तुम पर कृपा
करें ।
➡ क्या सोचते हैं
आप
॥ जय श्री राधे ॥
॥ जय निताई ॥
॥ जय निताई ॥
लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
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