✔ *दोनों हाथ में लडडू* ✔
➡ आपके पति यदि अनन्यता पूर्वक भजन में लगे हैं और किसी वैष्णव की शरणागत है
और आप स्वंय अर्थोपाय करके अपने परिवार का पालन कर रही है तो आपका पीटीआई के प्रति उपेक्षा या निकम्मे का भाव नही होना चाहिए।
➡ क्योकि प्रकट में तो आप ही सब घर चला रही है । लेकिन पर्दे के
पीछे से भगवान अपने वचन 'योगक्षेम व्हाम्यहम' को सत्य करते हुए सदैव आप के
साथ है।
➡ इससे दोहरा फायदा है - एक तो आपकी अर्थोपाय योग्यता के कारण
आपके पति भजन में लग कर जीवन सफल कर रहे - कही न कही कारण आप। दूसरे आपके
पति के स्थान पर जगतपति 'श्रीकृष्ण' आपके साथ हैं। आपका जीवन धन्य है। आपके
तो दोनों हाथ मीठी लड्डू है।
वाह! जय हो!!
॥ जय श्री राधे ॥
॥ जय निताई ॥
॥ जय निताई ॥
लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
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