🛢 समस्या या समाधान 🛢
🙈मानव की एक स्वाभाविक व्रत्ति है कि वह समस्या पर अधिक केंद्रित होता है
🤕ऐसा हो गया । ऐसा हो रहा है । आपने ऐसा क्यों किया । ज्यादातर जो हो गया उस पर वह विचार करता रहता है
🏺जबकि हमें समस्या से अधिक उसके समाधान पर विचार करना चाहिए । जो समस्याएं हैं या जो समस्याएं जिस कारण से उपस्थित हुई व भविष्य में ना हो इस पर चिंतन कर के समस्याओं से बचा भी जा सकता है
😎ऐसे कुछ बुद्धिमान लोग भी हैं जो समाधान पर चिंतन करते हैं और अपनी समस्याओं से ऊपर उठते जाते हैं
😏😏लकिन जो समस्याओं पर केंद्रित होते हैं वह समाधान की तरफ देखते ही नहीं हैं और जीवन भर समस्या समस्या समस्या ही रोते रहते ह
😟ऐसे लोगों की समस्याएं जीवन में कभी भी समाप्त नहीं होती हैं ना होंगी
✌️गरु नानक देव ने बहुत सुंदर दो लाइनें लिखी हैं जिसमें पहली लाइन समस्या की है दूसरी लाइन समाधान की पहली लाइन है
😫नानक दुखिया सब संसारा 😫
अर्थात यह सारा संसार दुखी है। यह समस्या हो गई । नानक देव ने समस्या की बात करके ही नहीं छोड़ दिया । उन्होंने समाधान भी दिया ।
🤓सोई सुखिया जे नाम अधारा 🤓
😂अर्थात वह सुखी है या हो सकता है जिसने नाम का आश्रय ले लिया । लेकिन हम लोग पहली लाइन को रोते रहते हैं दूसरी लाइन पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं ।
😆इसलिए हमें दूसरी लाइन पर ध्यान देना है और कलियुग के धर्म नाम संकीर्तन । नाम जप । नाम के आश्रय पर केंद्रित होना है
👉नानक देव ने और भी कहा है
कलियुग केवल नाम अधारा
सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
🙈मानव की एक स्वाभाविक व्रत्ति है कि वह समस्या पर अधिक केंद्रित होता है
🤕ऐसा हो गया । ऐसा हो रहा है । आपने ऐसा क्यों किया । ज्यादातर जो हो गया उस पर वह विचार करता रहता है
🏺जबकि हमें समस्या से अधिक उसके समाधान पर विचार करना चाहिए । जो समस्याएं हैं या जो समस्याएं जिस कारण से उपस्थित हुई व भविष्य में ना हो इस पर चिंतन कर के समस्याओं से बचा भी जा सकता है
😎ऐसे कुछ बुद्धिमान लोग भी हैं जो समाधान पर चिंतन करते हैं और अपनी समस्याओं से ऊपर उठते जाते हैं
😏😏लकिन जो समस्याओं पर केंद्रित होते हैं वह समाधान की तरफ देखते ही नहीं हैं और जीवन भर समस्या समस्या समस्या ही रोते रहते ह
😟ऐसे लोगों की समस्याएं जीवन में कभी भी समाप्त नहीं होती हैं ना होंगी
✌️गरु नानक देव ने बहुत सुंदर दो लाइनें लिखी हैं जिसमें पहली लाइन समस्या की है दूसरी लाइन समाधान की पहली लाइन है
😫नानक दुखिया सब संसारा 😫
अर्थात यह सारा संसार दुखी है। यह समस्या हो गई । नानक देव ने समस्या की बात करके ही नहीं छोड़ दिया । उन्होंने समाधान भी दिया ।
🤓सोई सुखिया जे नाम अधारा 🤓
😂अर्थात वह सुखी है या हो सकता है जिसने नाम का आश्रय ले लिया । लेकिन हम लोग पहली लाइन को रोते रहते हैं दूसरी लाइन पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं ।
😆इसलिए हमें दूसरी लाइन पर ध्यान देना है और कलियुग के धर्म नाम संकीर्तन । नाम जप । नाम के आश्रय पर केंद्रित होना है
👉नानक देव ने और भी कहा है
कलियुग केवल नाम अधारा
सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
No comments:
Post a Comment