Thursday, 24 November 2011

147. गयौ काम ते !!!


!

सबरे संसार
अथवा दूसरेन के सुधार की बात छोडि कै
साधक अपने सुधार में लग्यौ रहै

जानेऊ संसार के सुधार कौ ठेका लियौ 
वह प्रपंच के पंक  में फंस्यौ और गयौ काम ते !!!!!!!!!!!

-पं श्री गयाप्रसादजी, गोवेर्धन 

JAI SHRI RADHE

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