Thursday 24 November 2011

146. सर्वश्रेष्ठ यज्ञ




-अन्न खाने से ही शरीर की रक्षा होती हैं  

  शरीर से ही प्राणी उत्पन्न होते हैं अर्थात  प्राणी अन्न से ही पैदा होते हैं

- अन्न की उत्पत्ति वर्षा से होती है 
- वर्षा यज्ञ से होती है 
- यज्ञ 'करने' से '' यानी कर्म से '' ही होता होता है 

- कर्म का आदेश वेद से उत्पन्न है 
- वेद अविनाशी परमात्मा से ही उत्पन्न हुआ है 

- अत: एक पुरुष  को यज्ञ रूपी कर्म अवश्य ही करना चाहिए :
"तीव्रेण भक्ति योगेन यजेत पुरुषम परम"

- यानी तीव्र भक्ति योग से परमपुरुष का यज्ञ करना चहिये |
- भगवद भक्ति ही सवश्रेष्ठ कर्म यज्ञ है |

JAI SHRI RADHE

सर्वश्रेष्ठ यज्ञ

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