Saturday 5 November 2011

132. sajjan ya murkh




सज्जन या मूर्ख

एक सज्जन पुरुष
उसके साथ
किये गए चाल चपत एवं करामातों को
देखते समझते हुए भी
उन्हें उन्देखा करता हुआ
अपने स्वभाव में स्थित रहता है

हम यह समझते हैं की हम इसे मूर्ख बना रहे हैं,
लेकिन सत्य यह है की
हम मूर्ख हैं : वह सज्जन है 

JAI SHRI राधे

DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban

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