Monday, 21 November 2011

145. KAISE - KAISE TAP


KAISE - KAISE TAP

शारीरिक तप
देवता, ब्रह्मण, ज्ञानीजन का पूजन 
पवित्रता, सरलता, ब्रह्मचर्य, अहिंसा, का अभ्यास या आदत 

वाणी का तप  
अनुद्वेग, प्रिय भाषण, हितकारी, भाषण 
यथार्थ भाषण, शास्त्र - पाठन परमेश्वर का नाम जप का अभ्यास या आदत 

मानसिक तप 

मन की प्रसन्नता, शान्तभाव, भगवद्चिंतन की आदत 
मनको मारनेकी आदत, अन्त:करन मैं पवित्र विचार की आदत का अभ्यास 

सात्विक तप 
फल की कामना न रखकर शास्त्राज्ञा से किया गया भजन, पाठ, पूजा 

राजसिक तप 
सत्कार सम्मान, स्वार्थ, पाखंड या छिपे हुए 
किसी उद्देश्य से किया गया अनुष्ठान 

तामसिक तप 
हठपूर्वक, मुढ़तापुर्वक, न चाहते हुए,मन, वाणी, शरीर को 
कष्ट पहुचाते हुए अथवा दूसरे के अनिष्ट के लिए किया गया अनुष्ठान

  
JAI SHRI RADHE








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