✅ उपदेश किसे ✅
▶ ऐरे गेरे नत्थू खेरे को नही अवैष्णव को कभी नही
▶ साव्धान
▶ भगवान को दोष आरोपण करने वाला
▶ भजन न करने वाला
▶ जन्म मृत्यु
▶ झगड़े झंझट की ही बात करने वाला
▶ भजन भक्ति से जिसका सरोकार नही
▶ ऐसा व्यक्ति का संग असत्संग है
▶ जो क्लेश की जड़ है
▶ से व्यक्ति से बात करना अपराध ह
▶ ऐसे को भजन उपदेश करना नाम अपराध है
▶ जो जिज्ञासु हो ।
▶ भजन का रहस्य जानना चाहता हो
▶ तद्विद्धि प्रणिपातेन ।
▶ प्रणाम एवम् श्रद्धा पूर्वक जिज्ञासा करे ।
▶ क्यू
▶ उसे भजन उपदेश देना ही वैष्णव का कर्तव्य है । पंडाल लगा कर 130 करोड़ लोगों के कल्याण का प्रयास कभी भी हमारे आचार्यों ने नही किया ।
▶ ऐसा कहना एवम् आमन्त्रण देना भी भूल एवम् भ्रम है । हम अपना मन वचन कर्म तो एक कर लें । फिर दूसरे का कल्याण होगा । सच मानिए अभी हमारा अपना 1 पैसे भर कल्याण हुआ है
▶ और हम चले 130 करोड़ का कल्याण करने । बहुत सूक्ष्म चिंतन है । अतः सावधान
▶ समस्त वैष्णवजन को सादर प्रणाम
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
▶ ऐरे गेरे नत्थू खेरे को नही अवैष्णव को कभी नही
▶ साव्धान
▶ भगवान को दोष आरोपण करने वाला
▶ भजन न करने वाला
▶ जन्म मृत्यु
▶ झगड़े झंझट की ही बात करने वाला
▶ भजन भक्ति से जिसका सरोकार नही
▶ ऐसा व्यक्ति का संग असत्संग है
▶ जो क्लेश की जड़ है
▶ से व्यक्ति से बात करना अपराध ह
▶ ऐसे को भजन उपदेश करना नाम अपराध है
▶ जो जिज्ञासु हो ।
▶ भजन का रहस्य जानना चाहता हो
▶ तद्विद्धि प्रणिपातेन ।
▶ प्रणाम एवम् श्रद्धा पूर्वक जिज्ञासा करे ।
▶ क्यू
▶ उसे भजन उपदेश देना ही वैष्णव का कर्तव्य है । पंडाल लगा कर 130 करोड़ लोगों के कल्याण का प्रयास कभी भी हमारे आचार्यों ने नही किया ।
▶ ऐसा कहना एवम् आमन्त्रण देना भी भूल एवम् भ्रम है । हम अपना मन वचन कर्म तो एक कर लें । फिर दूसरे का कल्याण होगा । सच मानिए अभी हमारा अपना 1 पैसे भर कल्याण हुआ है
▶ और हम चले 130 करोड़ का कल्याण करने । बहुत सूक्ष्म चिंतन है । अतः सावधान
▶ समस्त वैष्णवजन को सादर प्रणाम
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
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