Wednesday, 18 May 2016

लाइन

 लाइन

🌹भगवान श्री कृष्ण ही उपास्य हैं
प्रेम के एक मात्र विषय हैं । अर्थात प्रेम यदि किया जा सकता है तो केवल कृष्ण से

👧🏻 यदि किसी और । जेसे लड़का लड़की । माता पिता पति पत्नी से है तो वह स्वार्थ या काम ही है । ये पक्का है । लेकिन देर म समझ आता है । मुझे अभी भी पूरा समझ नही आया

🚶🏻🚶🏻🚶🏻🚶🏻और प्रेम करने वालों की लाइन जहाँ से शुरू होती है । वहां सर्व प्रथम हैं हमारी राधारानी । हम सब उनके पीछे खड़ी अनेक सखियों मंजरियों आदि के पीछे हैं । क्योंकि प्रेम की आश्रय हैं श्री राधा रानी ।

🐿ईसलिए सदा पीछे ही रहना । समान या आगे जाने की कोशिश नही करनी है हमे ।

🏺ईसी प्रकार वैष्णवों की लाइन में सबसे आगे हैं शिव जी । वैष्णवानाम यथा शंभुः

📍📍दासों की लाइन में सबसे आगे हैं । हनुमान । दासोहम रामचंद्रस्य

समस्त वैष्णवजन को सादर प्रणाम

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚



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